सोमवार, 20 जून 2022

(बवासीर को जड़ से खत्म करते हैं ये 6 आयुर्वेदिक उपचार|)

बवासीर को जड़ से खत्म करते हैं ये 6 आयुर्वेदिक उपचार|

By वनिता कासनियां पंजाब

बवासीर बहुत ही पीड़ादायक रोग है। इसका दर्द असहनीय होता है। बवासीर मलाशय के आसपास की नसों की सूजन के कारण विकसित होता है। बवासीर दो तरह की होती है, अंदरूनी और बाहरी। अंदरूनी बवासीर में नसों की सूजन दिखती नहीं पर महसूस होती है, जबकि बाहरी बवासीर में यह सूजन गुदा के बिलकुल बाहर दिखती है। बवासीर को पहचानना बहुत ही आसान है। मलत्याग के समय मलाशय में अत्यधिक पीड़ा और इसके बाद रक्तस्राव, खुजली इसका लक्षण है। इसके कारण गुदे में सूजन हो जाती है। आयुर्वेदिक औषधियों को अपनाकर बवासीर से छुटकारा पाया जा सकता है।

फाइबर युक्त आहार

अच्‍छे पाचन क्रिया के लिए फाइबर से भरा आहार बहुत जरूरी होता है। इसलिए अपने आहार में रेशयुक्त आहार जैसे साबुत अनाज, ताजे फल और हरी सब्जियों को शामिल करें। साथ ही फलों के रस की जगह फल खाये।

छाछ

बवासीर के मस्‍सों को दूर करने के लिए मट्ठा बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए करीब दो लीटर छाछ लेकर उसमे 50 ग्राम पिसा हुआ जीरा और स्‍वादानुसार नमक मिला दें। प्यास लगने पर पानी के स्‍थान पर इसे पीये। चार दिन तक ऐसा करने से मस्‍से ठीक हो जायेगें। इसके अलावा हर रोज दही खाने से बवासीर होने की संभावना कम होती है। और बवासीर में फायदा भी होता है।

त्रिफला

आयुर्वेंद की महान देन त्रिफला से हम सभी परिचित है। इसके चूर्ण का नियमित रूप से रात को सोने से पहले 1-2 चम्‍मच सेवन कब्‍ज की समस्‍या दूर करने मेंं मदद करता है। जिससे बवासीर में राहत मिलती है।

जीरा

छोटा सा जीरा पेट की समस्‍याओं बहुत काम का होता है। जीरे को भूनकर मिश्री के साथ मिलाकर चूसने से फायदा मिलता है। या आधा चम्‍मच जीरा पाउडर को एक गिलास पानी में डाल कर पियें। इसके साथ जीरे को पीसकर मस्‍सों पर लगाने से भी फायदा मिलता है।

अंजीर

सूखा अंजीर बवासीर के इलाज के लिए एक और अद्भुत आयुर्वेदिक उपचार हैं। एक या दो सूखे अंजीर को लेकर रात भर के लिए गर्म पानी में भिगों दें। सुबह खाली पेट इसको खाने से फायदा होता है।

तिल

खूनी बवासीर में खून को रोकने के लिए 10 से 12 ग्राम धुले हुए काले तिल को लगभग एक ग्राम ताजा मक्खन के साथ लेना च‍ाहिए। इसे लेने से भी बवासीर में खून आना बंद हो जाता है।

हरीतकी

हरड़ के रूप में लोकप्रिय हरीतकी कब्‍ज को दूर करने का एक बहुत अच्‍छा आयुर्वेदिक उपाय है। हरीतकी चूर्ण आधा से एक चम्मच, रात को गुनगुने पानी से लेने से या गुड़ के साथ हरड खाने से बवासीर की समस्‍या से निजात मिलता है।

बड़ी इलायची

लगभग 50 ग्राम बड़ी इलायची को तवे पर रखकर भूनते हुए जला लीजिए। ठंडी होने के बाद इस इलायची को पीस चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को नियमित रूप से सुबह पानी के साथ खाली पेट लेने से बवासीर की समस्‍या ठीक हो जाती है।

आंवला

आयुर्वेद में आंवले को बहुत महत्ता प्रदान की गई है, जिससे इसे रसायन माना जाता है। यह शरीर में आरोग्य शक्ति को बढ़ाता है।आंवला पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। बवासीर की समस्‍या होने पर आंवले के चूर्ण को सुबह-शाम शहद के साथ पीने से फायदा होता है।

नीम

नीम के छिलके सहित निंबौरी के पाउडर को प्रतिदिन 10 ग्राम रोज सुबह रात में रखे पानी के साथ सेवन कीजिए, इससे बवासीर में फायदा होगा। इसके अलावा नीम का तेल मस्सों पर लगाने और इस तेल की 4-5 बूंद रोज पीने से बवासीर में लाभ होता है।

गुलाब की पंखुडियां

बवासीर में खून की समस्‍या को दूर करने के लिए बहुत ही अच्‍छा आयुर्वेदिक उपचार है। इसके लिए थोड़ी सी गुलाब की पंखुडी को 50 मिलीलीटर पानी में कुचल कर तीन 3 दिन खाली पेट लेना चाहिए। लेकिन ध्‍यान रहें इस उपचार के साथ केले का सेवन न करें।

इसबगोल

इसबगोल की भूसी, गलत खान-पान से उपजी व्याधियों को दूर करने की एक ऐसी ही अचूक, प्राकृतिक और चमत्कारिक औषधि है। इसबगोल भूसी का प्रयोग करने से से अनियमित और कड़े मल से राहत मिलती है। इससे कुछ हद तक पेट भी साफ रहता है और मस्‍सा ज्‍यादा दर्द भी नही करता। रात को सोने से पहले एक या दो चम्‍मच इसकी भूसी को दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है।

वनिता कसनिया पंजाब



अलसी के फायदे

पोषक तत्वों से भरपूर अलसी वजन कम करने के लिए बहुत अच्छा घरेलू नुस्खा है। बेहतर परिणाम के लिए इसे सही तरीके से खाने की जरूरत है।

overweight people can eat superfood flaxseed in this way for weight lossपतला होने के लिए पहले जान लें अलसी खाने का सही तरीका, इस चीज के साथ मिलाएंगे तो जल्‍दी होगा Weight loss
अलसी एक बेशकीमती सुपर फूड है, जो अपने पोषक तत्वों और स्वास्थ्य लाभ के लिए जानी जाती है। छोटे-छोटे भूरे रंग के बीज हाल ही में लोगों के बीच काफी पॉपुलर हुए हैं, लेकिन वास्तव में ये सबसे पुरानी फसल है। ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर और लिग्रान से भरपूर ये बीज पाचन में सुधार, हृदय रोग, टाइप-2 डायबिटीज और कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए बहुत फायदेमंद हैं। इतना ही नहीं, ये बीज वजन घटाने में भी बहुत मदद करते हैं।

विशेषज्ञों की मानें, तो मेटाबॉलिज्म को तेज करने और कुछ किलो वजन कम करने के लिए अपने आहार में अलसी को शामिल करना चाहिए। लेकिन इन बीजों का ज्यादा लाभ लेने के लिए इनका सही तरह से सेवन करने की जरूरत है। तो चलिए यहां बताते हैं कि वजन घटाने के लिए अलसी खाने का सही तरीका क्या है, लेकिन उससे पहले जानते हैं अलसी से जुड़ी कुछ जरूरी बातें।अलसी में मौजूद पोषक तत्
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अलसी में हाई क्वालिटी वाले अमीनो एसिड होते हैं। इसमें प्रोटीन भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इन छोटे बीजों में थायमीन, कॉपर, माॅलिब्डेनम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, सायनोजेनिक ग्लाइकोसाइड, फाइटोस्टेरॉल और लिग्रंस भी मौजूद हैं, जो वजन घटाने में आपका पूरा सहयोग करते हैं।

कैसे वजन कम करते हैं अलसी के बीज-

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सबसे पहले तो बता दें कि वजन कम करने के लिए प्रोटीन का अच्छा सेवन करना जरूरी होता है इसलिए वजन घटाने के मामले में अलसी से बेहतर कुछ नहीं है। 100 ग्राम बीजों में 18 ग्राम प्रोटीन होता है। इससे जरूरी माइक्रोन्यूट्रिएंट सेल्स को रिपेयर करने और मांसपेशियों का निर्माण करने में बहुत मदद मिलती है।

चूंकि, इसमें म्यूसिलेज नाम का फाइबर होता है, जिसका सेवन करने से भूख में कमी आती है। इस फाइबर के सेवन से क्रेविंग को भी रोका जा सकता है। कई अध्ययनों में साबित हुआ है कि रोजाना एक चम्मच अलसी पाउडर को आहार में शामिल करने से मोटे लोगों को वजन घटाने में आसानी होती है।

​अलसी के सेवन के अन्य फायदे-

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ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होने के कारण ये छोटे बीच हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने और बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद कर सकते हैं। हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोग भी बीपी को नियंत्रित रखने के लिए इसका सेवन कर सकते हैं। अध्ययनों के मुताबिक, अलसी के बीज कैंसर के खतरे को कम करने और शरीर में आने वाली सूजन से छुटकारा दिलाने में कारगर हैं।

​अलसी के सेवन का

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  • 1 गिलास- पानी
  • 1 बड़ा चम्मच- अलसी
  • 1 बड़ा चम्मच- नींबू का रस
  • 1 चम्मच- गुड़

बनाने की विधि-

  1. सबसे पहले एक पैन में पानी भरें।
  2. इसमें पिसी हुई अलसी का पाउडर डालें।
  3. 2-3 मिनट तक पानी को उबालें और फिर गैस बंद कर दें।
  4. स्वाद बढ़ाने के लिए इस मिश्रण में नींबू का रस और गुड़ डालें और पी जाएं।

​अलसी खाने का सही तरीका-

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बहुत कम लोग जानते हैं कि अलसी दो तरह की होती है पीली और भूरी। दोनों ही एक तरह से पौष्टिक और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। आप चाहें, तो बीजों को भून सकते हैं या फिर इन्हें पीसकर पाउडर बना सकते हैं। पाउडर को एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करके रखें। जब भी मन करे, सलाद या स्मूदी में एक चम्मच डालकर खाएं।

​अलसी का सेवन किसे नहीं करना चाहिए

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अंग्रेजी में इस स्‍टोरी को पढ़ने के लिए यहां क्‍लिक करेंलो ब्लड प्रेशर, लो ब्लड शुगर लेवल, कब्ज, डायरिया, हार्मोनल प्रॉब्लम से पीड़ित ल,


बुधवार, 5 मई 2021

खाली पेट पिसी अलसी खाने के 13 फायदे | Ground flax seeds in hindiBy समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबअलसी के बीज के फायदे पुरुषों व महिलाओं के लिए – (Flax seeds) अलसी पुरुषों की सेक्स समस्या ठीक करने और औरतों में हार्मोनल बैलन्स लाने का काम करता है। अलसी का सेवन मोटापा कम करता है और बाल, स्किन, आँखें, नाखून स्वस्थ होते हैं। अलसी खाना कई रोगों में फायदेमंद है।अलसी को तीसी, अरसी भी कहते हैं। आयुर्वेद में अलसी को ‘बाल्य’ कहा गया है मतलब जो शक्ति देता है। भारत में अलसी के औषधीय गुण का उपयोग आयुर्वेदिक उपचारों और खान-पान में पुराने समय से होता रहा है।अलसी के लड्डू खाना भी अलसी के फायदे पाने का तरीका है। अलसी के फायदे और कैसे खाए – Alsi seeds benefits in hindiअलसी के बीज में प्रोटीन, आयरन, कैल्सियम, विटामिन C, विटामिन E, विटामिन बी काम्प्लेक्स, जिंक, फाइबर, कॉपर, सेलेनियम, कैरोटीन, पोटैशियम, फोस्फोरस, मैगनिशियम, मैगनीस तत्व पाए जाते हैं। अलसी के बीज को English में Flax Seeds कहा जाता है। अलसी के बीज एंटी- बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल होते है। इनके उपयोग से शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत (immunity) बढ़ती है। 1) अलसी के फायदे पुरुषों के लिए – Benefits of Alsi seeds in hindi– अलसी खाने से पुरुषों की कई सेक्स समस्यायें जैसे सेक्स में रूचि न होना, जल्दी उत्तेजित होना, सेक्स के दौरान नर्वसनेस, शारीरिक दुर्बलता, रक्त संचार (Blood circulation) से जुड़ी दिक्कतों से निजात मिलती है। – एक खास बात कि अलसी का सेवन पुरुषों में गंजापन पैदा करने वाले Enzyme को नष्ट करते हैं. अतः Baldness से बचाव के लिए पुरुष अलसी अवश्य खाएं। – बढ़ती हुई उम्र के पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर, ब्लैडर कैंसर होने का खतरा होता है। अलसी का सेवन करके इन कैंसर की आशंकाओं से बचा जा सकता है। पुरुषों को अलसी के फायदे का लाभ जरूर उठाना चाहिए। 2) अलसी पोषण से जुड़ी जानकारी – Tisi seeds benefits in hindi– अलसी के बीज Omega 3 fatty acids का बहुत अच्छा Source माने जाते हैं। डाईटिशियन और डाक्टर भी इसे खाने की सलाह देते है। अलसी खाना Omega 3 fatty acids के कैप्सूल का अच्छा विकल्प है। – ओमेगा-3 फ़ैटी एसिड हमारे शरीर को कई तरह से हेल्दी रखने में मदद करते हैं। ये सबसे अधिक मात्रा में समुद्री मछलियों से प्राप्त होता है लेकिन शाकाहारी लोग अलसी का सेवन करके इसके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सुबह खाली पेट अलसी खाने के फायदे – Ground flax seeds in hindiसुबह खाली पेट गर्म पानी में एक चम्मच पिसी अलसी मिलाकर पीने और रात को सोने से पहले इसी तरह अलसी लेने से शरीर डेटोक्स होता है। अलसी में मौजूद फाइबर व Omega 3 fatty acids शरीर में मौजूद हानिकारक चीजों को लीवर और आंतों से निकालकर शरीर से बाहर करने का काम करते हैं। अलसी द्वारा शरीर के इस Detoxification से अनावश्यक थकान, कमजोरी, सुस्ती, सूजन दूर होता है। 3) अलसी के बीज वजन कम करे – Alsi ke beej for weight loss in hindi :– अलसी के बीज से मोटापा कम होता है। अलसी में डाइटरी फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इस वजह से अलसी खाने पर जल्दी भूख नहीं लगती।– अलसी का फाइबर पेट के लिए लाभदायक बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है जिससे मेटाबोलिज्म की रेट तेज होती है, इससे ज्यादा कैलोरी बर्न होती है। यह फाइबर मल (stool) का निकास भी आसान करता है, जिससे कब्ज नहीं होता। – अलसी में अन्य Natural resources की तुलना में 800 गुना ज्यादा Lignans होते हैं। लिग्नास एंटी-ओक्सिडेंट की तरह काम करते हैं और शरीर में हानिकारक फ्री ऑक्सीजन रेडिकल्स को खत्म करते हैं। यही फ्री रेडिकल्स मेटाबोलिक रेट धीमा करके वजन बढ़ाते है और शरीर फूल जाता है। अलसी के बीज फ्री रेडिकल्स नष्ट करके मोटापे से मुक्ति दिलाते हैं। ground flaxseed in hindiFlax seeds in hindi4) अलसी के बीज के फायदे स्किन के लिए – Flax seeds benefits in hindi for skinअसली के बीज खाने से शरीर को मिलने वाले ओमेगा 3 फैटी एसिड्स स्किन के लिए लाजवाब हैं। यह बढती उम्र के असर जैसे झुर्रियों, महीन रेखाओं को दूर करता है। यह त्वचा के कील-मुहांसों को दूर करके स्किन को नयी चमक देता है, त्वचा का कसाव बनाये रखता है। – हाथ-पैर के नाखून को अलसी मजबूत और चिकना बनाता है। अलसी धूप की वजह से होने वाले स्किन डैमेज से सुरक्षा प्रदान करता है और स्किन कैंसर से बचाव करता है। – जाड़ों में अलसी का तेल (Flaxseed oil) स्किन पर लगाने से त्वचा रूखी नहीं होती और नर्म, मुलायम बनी रहती है। – अलसी का तेल स्किन की खुजली, लालपन, सूजन, दाग-धब्बे दूर करके एक बढ़िया Moisturizer का काम करता है। यह स्किन समस्या Eczema, Psoriasis के उपचार में भी कारगर माना गया है। अलसी के बीज खाने से घाव भी जल्दी भरता है। अलसी के फायदे अलसी के फायदे5) Flaxseed कैसे खाये – Flax seeds khane ka tarika :एक दिन में 2 टेबलस्पून (40 ग्राम) से ज्यादा अलसी के बीज का सेवन न करें। अलसी के साबुत बीज कई बार हमारे शरीर से पचे बिना निकल जाते हैं इसलिए इन्हें पीसकर ही इस्तेमाल करना चाहिए। a) 20 ग्राम (1 टेबलस्पून) अलसी पाउडर (Ground flax seeds) को सुबह खाली पेट हल्के गर्म पानी के साथ लेने से शुरुआत करें। b) आप इसे फल या सब्जियों के ताजे जूस, दही-छाछ में मिला सकते हैं या अपने भोजन में ऊपर से बुरक कर भी खा सकते हैं। इसे रोटी, पराठे, दलिया बनाते समय भी मिलाया जा सकता है। थॉयरॉइड में अलसी के फायदे – Flaxseed benefits for thyroid in hindic) दो कप पानी में दो चम्मच अलसी डालकर उबालें, जब यह आधा रह जाये तो गैस बंद कर दें। पीने लायक गर्म रह जाए तो छानकर सुबह सुबह खाली पेट पी लें। ये उपाय हाइपरथाइरोइड और हाइपोथाइरोइड दोनों प्रकार के थाइरोइड की बीमारी में फायदेमंद है। अलसी से बना यह ड्रिंक डायबिटीज, शुगर कण्ट्रोल करने में भी असरकारक है। इसे पीने से आर्थराइटिस, जोड़ों के दर्द, हार्ट ब्लॉकेज, पेट की दिक्कतों जैसे कब्ज, अपच, मोटापे, बाल झड़ने, स्किन की प्रॉबलम्स में भी लाभ मिलता है।d) अलसी के बीज हल्का भून कर खाएं अथवा सलाद या दही में मिलाकर खाएं, चाहे तो जूस में मिलाकर पियें। यह जूस के स्वाद को बिना बदले उसकी पोषकता कई गुना बढ़ा देगा। e) साबुत अलसी लंबे समय तक खराब नहीं होती लेकिन इसका पाउडर (Ground flax seeds) हवा में मौजूद ऑक्सीजन के प्रभाव में खराब हो जाता है, इसलिए ज़रूरत के मुताबिक अलसी को ताज़ा पीसकर ही इस्तेमाल करें। इसे अधिक मात्रा में पीसकर न रखें। अलसी के बीज भूनकर खाना – Roasted flax seeds in hindif) बहुत ज्यादा सेंकने या फ्राई करने से अलसी के बीज का फायदा, औषधीय गुण नष्ट हो सकते हैं और इसका स्वाद बिगड़ सकता है। इसलिए अलसी के बीज को इतना भूनना चाहिए कि नमी निकल जाये। g) व्रत में अलसी के बीज खा सकते हैं क्योंकि ये कोई अनाज नहीं है। जैसे मूंगफली का सेवन भी व्रत में किया जाता है। मूंगफली भी एक बीज है। अलसी में भरपूर पोषक तत्व होते हैं जोकि व्रत में फायदेमंद भी है। 6) अलसी के फायदे बालों के लिए –जैसा कि आप जानते हैं अलसी Omega 3 fatty acids का बढ़िया स्रोत है। ये फैटी एसिड्स बालों की अच्छी बढ़त के लिए जरुरी है। – अलसी का सेवन बालों की जड़ों से लेकर सिरों तक को पोषण देता है। इससे बाल लम्बे और मजबूत होते हैं इसलिए कम टूटते-झड़ते हैं। नए निकलने वाले बाल भी स्वस्थ और सुंदर होते हैं। Omega 3 fatty acids सर की स्किन को भी सूखने से बचाते हैं, जिससे डैंड्रफ यानि रूसी की समस्या भी नहीं होती। 7) महिलाओं के लिए अलसी के फायदे – Alsi seeds benefits in hindi– जिन औरतों का पीरियड रेगुलर नहीं होता और पीरियड के दौरान तेज दर्द रहता हो, उन्हें रोजाना अलसी खाना चाहिए। अलसी स्त्रियों के प्रजनन अंगों को स्वस्थ बनाता है, जिससे पीरियड नियमित होता है। – गर्भवती स्त्रियों और स्तनपान कराने वाली माताओं को अलसी का सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए। अलसी के बीज स्तनपान के दौरान दूध न आने की समस्या को दूर करता है। आज भी शहरो और कस्बों के कई परिवारों में स्तनपान कराने वाली स्त्रियों को अलसी (तीसी) के बने लड्डू और अन्य भोज्य पदार्थ दिए जाते हैं। ये इस बात का सबूत है कि हमारे पूर्वज अलसी के बीज का महत्व अच्छी तरह जानते थे पर हम इन्हें भुलाकर सिर्फ दवाइयां खाने में विश्वास करने लगे। – अलसी के बीज औरतों के हार्मोनल बैलेंस के लिए बहुत सहायक होता है क्योंकि ये बीज Lignans का बहुत अच्छा स्रोत है जोकि Phytoestrogen और Anti-Oxidant गुणों से भरपूर है। – अलसी में पाए जाने वाला Phytoestrogen Adaptogenic होता है। अतः ये ऐसी महिलायें जिनके शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन बहुत ज्यादा है या जरुरत से कम है, दोनों को अलसी फायदा पहुँचाता है। – महिलाओं में रजोनिवृत्ति (Menopause) के दौरान होने वाली समस्याओं में भी अलसी के उपयोग से राहत मिलती है। यह देखा गया है कि माइल्ड मेनोपॉज़ की समस्या में रोजाना लगभग 40 ग्राम पिसी हुई अलसी खाने से वही लाभ प्राप्त होते हैं जो हार्मोन थैरेपी से मिलते हैं। 8) अलसी के फायदे आँखों के लिए –अलसी में मिलने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड्स तत्व नेत्र विकार, आँखों में सूखापन (Dry Eyes) के उपचार में असरदार है और डॉक्टर भी इसकी सलाह देते हैं। Omega 3 Fatty acids आँखों में नमी बराबर बनाये रखता है, जिससे ग्लूकोमा, High eye pressure के खतरे कम होते हैं। 9) अलसी के आयुर्वेदिक गुण – Ayurvedic benefits of flaxseed in hindi :आयुर्वेद में अलसी को मंद गंधयुक्त, मधुर, बलकारक, पित्तनाशक, स्निग्ध, पचने में भारी, गरम, पौष्टिक, कामोद्दीपक, किंचित कफ वात-कारक, पीठ के दर्द ओर सूजन को मिटानेवाली कहा गया है. जाड़ों में अलसी खाने से शरीर गर्म रहता है। – अलसी वात को संतुलित करता है, इसलिए वात बढ़ने की वजह से होने वाले विकारों का उपचार करता है। – अलसी के तेल को Flax seed oil या linseed oil कहते हैं। इसमें Alpha-linolenic Acid (ALA) नामक तत्व होता है जो एक प्रकार का ओमेगा-3 फ़ैटी एसिड (omega-3 fatty acid) है, जिसके कई सारे चिकित्सकीय लाभ हैं। 10) अलसी के गुण हार्ट के मरीज और ब्लड प्रेशर के लिए – – हृदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल के जमने से हृदय रोग की सम्भावना बढ़ जाती है। इसलिए अलसी कोलेस्ट्रॉल कम करके हृदय रोग होने के खतरे को भी कम करता है। अलसी विटामिन B Complex, मैगनिशियम, मैगनीस तत्वों से भरपूर है जोकि LDL नामक बुरे कोलेस्ट्रोल को कम करते है। अलसी के सेवन से कोलेस्ट्रॉल के लेवल में कमी आना देखा गया है। 11) अलसी के बीज (Flax seeds in English) ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने, हाइपरटेंशन के रोगियों के लिए, ब्लड शुगर कंट्रोल में अत्यंत लाभदायक है। Type 1 और Type 2 Diabetes रोगियों के लिए अलसी डायबिटीज रोकने में कारगर पाया गया है। British Journal of Nutrition में प्रकाशित एक स्टडी में भाग लेने वाले लोगों के भोजन में 50 ग्राम अलसी 4 हफ्ते तक शामिल की गयी। नतीजा उनके रक्त में ब्लड शुगर लेवल की मात्रा 27 % तक कम हो गयी। 12) अलसी किडनी से जुड़ी समस्याओं में भी लाभकारी है। अलसी के बीज गरम पानी में उबालकर इसके साथ एक तिहाई भाग मुलेठी का चूर्ण मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से खूनी दस्त और और मूत्र संबंधी रोगों में लाभ होता है।13) अमेरिकी वैज्ञानिकों के एक शोध में पता चला है कि अलसी में जो Poly Unsaturated fatty acids होता है, वह विशेष रूप से स्तन का कैंसर, प्रोस्टेट और कोलन कैंसर (पेट के कैंसर) से बचाव करता है। अलसी के बीज ऑनलाइन खरीदने के लिए ये लिंक देखें > Flax Seedsअलसी के नुक्सान, अलसी किसे नहीं खाना चाहिए – Side effects of Flaxseed in hindi :1. अलसी खाने से कुछ लोगों को शुरुआत में कब्ज हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अलसी के बीज में फाइबर ज्यादा होता है। इसलिए अगर आप अलसी का सेवन कर रहे हो तो पानी भरपूर पियें। सही मात्रा में अलसी खाने से कब्ज दूर होती है, लेकिन ज्यादा अलसी खाने से लूज मोशंस भी हो सकता है। 2. प्रेगनेंसी के दौरान अलसी का सेवन डॉक्टर की सलाह लेकर 1 टेबलस्पून से अधिक नहीं करना चाहिए। बच्चा होने के बाद अलसी की बनी चीजों का सेवन निश्चिंत होकर कर सकते है। 3. अलसी खून को पतला करती है इसलिए यदि आपको Blood Pressure की समस्या हो तो इसके सेवन से पहले डॉक्टर से एक बार सलाह लें। 4. जरुरत से ज्यादा अलसी खाने से कुछेक लोगों को एलर्जी की शिकायत हो सकती है। इसके लक्षण हैं : पेट दर्द, उलटी, सांस लेने में दिक्कत, लो ब्लड प्रेशर आदि। किसी भी चीज़ की अति अच्छी नहीं होती। लेख में बताई गयी अलसी के बीज (Flaxseed) की सही मात्रा खाने से अलसी के सभी फायदों का लाभ लिया जा सकता है। बाल वनिता महिला आश्रमदुनिया के अनेक देशों में अलसी के बीज या Flax seeds लोकप्रिय और सेहतमंद आहार के रूप मे जाना जाता है। डिस्कलेमरः खानपान, किसी आयुर्वेदिक क्रिया या औषधि को अपनाने में स्वविवेक से काम लें, अति न करें। जानकार चिकित्सक से भी सलाह लें। इस वेबसाइट के सारे लेखों का उद्देश्य केवल शैक्षिक है। अलसी के फायदे (Benefits of flax seeds in Hindi) पर यह लेख अच्छा लगा तो 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खाली पेट पिसी अलसी खाने के 13 फायदे | Ground flax seeds in hindi

अलसी के बीज के फायदे पुरुषों व महिलाओं के लिए – (Flax seeds) अलसी पुरुषों की सेक्स समस्या ठीक करने और औरतों में हार्मोनल बैलन्स लाने का काम करता है। अलसी का सेवन मोटापा कम करता है और बाल, स्किन, आँखें, नाखून स्वस्थ होते हैं। अलसी खाना कई रोगों में फायदेमंद है।

अलसी को तीसी, अरसी भी कहते हैं। आयुर्वेद में अलसी को ‘बाल्य’ कहा गया है मतलब जो शक्ति देता है। भारत में अलसी के औषधीय गुण का उपयोग आयुर्वेदिक उपचारों और खान-पान में पुराने समय से होता रहा है।अलसी के लड्डू खाना भी अलसी के फायदे पाने का तरीका है। 

अलसी के फायदे और कैसे खाए – Alsi seeds benefits in hindi

अलसी के बीज में प्रोटीन, आयरन, कैल्सियम, विटामिन C, विटामिन E, विटामिन बी काम्प्लेक्स, जिंक, फाइबर, कॉपर, सेलेनियम, कैरोटीन, पोटैशियम, फोस्फोरस, मैगनिशियम, मैगनीस तत्व पाए जाते हैं। 

अलसी के बीज को English में Flax Seeds कहा जाता है। अलसी के बीज एंटी- बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल होते है। इनके उपयोग से शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत  (immunity) बढ़ती है। 

1) अलसी के फायदे पुरुषों के लिए – Benefits of Alsi seeds in hindi

– अलसी खाने से पुरुषों की कई सेक्स समस्यायें जैसे सेक्स में रूचि न होना, जल्दी उत्तेजित होना, सेक्स के दौरान नर्वसनेस, शारीरिक दुर्बलता, रक्त संचार (Blood circulation) से जुड़ी दिक्कतों से निजात मिलती है। 

– एक खास बात कि अलसी का सेवन पुरुषों में गंजापन पैदा करने वाले Enzyme को नष्ट करते हैं. अतः Baldness से बचाव के लिए पुरुष अलसी अवश्य खाएं। 

– बढ़ती हुई उम्र के पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर, ब्लैडर कैंसर होने का खतरा होता है। अलसी का सेवन करके इन कैंसर की आशंकाओं से बचा जा सकता है। पुरुषों को अलसी के फायदे का लाभ जरूर उठाना चाहिए। 

2) अलसी पोषण से जुड़ी जानकारी – Tisi seeds benefits in hindi

– अलसी के बीज Omega 3 fatty acids का बहुत अच्छा Source माने जाते हैं। डाईटिशियन और डाक्टर भी इसे खाने की सलाह देते है। अलसी खाना Omega 3 fatty acids के कैप्सूल का अच्छा विकल्प है। 

– ओमेगा-3 फ़ैटी एसिड हमारे शरीर को कई तरह से हेल्दी रखने में मदद करते हैं। ये सबसे अधिक मात्रा में समुद्री मछलियों से प्राप्त होता है लेकिन शाकाहारी लोग अलसी का सेवन करके इसके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। 

सुबह खाली पेट अलसी खाने के फायदे – Ground flax seeds in hindi

सुबह खाली पेट गर्म पानी में एक चम्मच पिसी अलसी मिलाकर पीने और रात को सोने से पहले इसी तरह अलसी लेने से शरीर डेटोक्स होता है। 

अलसी में मौजूद फाइबर व Omega 3 fatty acids शरीर में मौजूद हानिकारक चीजों को लीवर और आंतों से निकालकर शरीर से बाहर करने का काम करते हैं। अलसी द्वारा शरीर के इस Detoxification से अनावश्यक थकान, कमजोरी, सुस्ती, सूजन दूर होता है। 

3) अलसी के बीज वजन कम करे – Alsi ke beej for weight loss in hindi :

– अलसी के बीज से मोटापा कम होता है। अलसी में डाइटरी फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इस वजह से अलसी खाने पर जल्दी भूख नहीं लगती।

– अलसी का फाइबर पेट के लिए लाभदायक बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है जिससे मेटाबोलिज्म की रेट तेज होती है, इससे ज्यादा कैलोरी बर्न होती है। यह फाइबर मल (stool) का निकास भी आसान करता है, जिससे कब्ज नहीं होता। 

– अलसी में अन्य Natural resources की तुलना में 800 गुना ज्यादा Lignans होते हैं। लिग्नास एंटी-ओक्सिडेंट की तरह काम करते हैं और शरीर में हानिकारक फ्री ऑक्सीजन रेडिकल्स को खत्म करते हैं। 

यही फ्री रेडिकल्स मेटाबोलिक रेट धीमा करके वजन बढ़ाते है और शरीर फूल जाता है। अलसी के बीज फ्री रेडिकल्स नष्ट करके मोटापे से मुक्ति दिलाते हैं। 

ground flaxseed in hindi
Flax seeds in hindi

4) अलसी के बीज के फायदे स्किन के लिए – Flax seeds benefits in hindi for skin

असली के बीज खाने से शरीर को मिलने वाले ओमेगा 3 फैटी एसिड्स स्किन के लिए लाजवाब हैं। यह बढती उम्र के असर जैसे झुर्रियों, महीन रेखाओं को दूर करता है।  यह त्वचा के कील-मुहांसों को दूर करके स्किन को नयी चमक देता है, त्वचा का कसाव बनाये रखता है। 

– हाथ-पैर के नाखून को अलसी मजबूत और चिकना बनाता है। अलसी धूप की वजह से होने वाले स्किन डैमेज से सुरक्षा प्रदान करता है और स्किन कैंसर से बचाव करता है। 

– जाड़ों में अलसी का तेल (Flaxseed oil) स्किन पर लगाने से त्वचा रूखी नहीं होती और नर्म, मुलायम बनी रहती है। 

– अलसी का तेल स्किन की खुजली, लालपन, सूजन, दाग-धब्बे दूर करके एक बढ़िया Moisturizer का काम करता है। यह स्किन समस्या Eczema, Psoriasis के उपचार में भी कारगर माना गया है। अलसी के बीज खाने से घाव भी जल्दी भरता है। 

 

अलसी के फायदे
अलसी के फायदे

5) Flaxseed कैसे खाये – Flax seeds khane ka tarika :

  • एक दिन में 2 टेबलस्पून (40 ग्राम) से ज्यादा अलसी के बीज का सेवन न करें। 
  • अलसी के साबुत बीज कई बार हमारे शरीर से पचे बिना निकल जाते हैं इसलिए इन्हें पीसकर ही इस्तेमाल करना चाहिए। 

a) 20 ग्राम (1 टेबलस्पून) अलसी पाउडर (Ground flax seeds) को सुबह खाली पेट हल्के गर्म पानी के साथ लेने से शुरुआत करें। 

b) आप इसे फल या सब्जियों के ताजे जूस, दही-छाछ में मिला सकते हैं या अपने भोजन में ऊपर से बुरक कर भी खा सकते हैं। इसे रोटी, पराठे, दलिया बनाते समय भी मिलाया जा सकता है। 

थॉयरॉइड में अलसी के फायदे –  Flaxseed benefits for thyroid in hindi

c) दो कप पानी में दो चम्मच अलसी डालकर उबालें, जब यह आधा रह जाये तो गैस बंद कर दें। पीने लायक गर्म रह जाए तो छानकर सुबह सुबह खाली पेट पी लें। ये उपाय हाइपरथाइरोइड और हाइपोथाइरोइड दोनों प्रकार के थाइरोइड की बीमारी  में फायदेमंद है। 

अलसी से बना यह ड्रिंक डायबिटीज, शुगर कण्ट्रोल करने में भी असरकारक है। इसे पीने से आर्थराइटिस, जोड़ों के दर्द, हार्ट ब्लॉकेज, पेट की दिक्कतों जैसे कब्ज, अपच, मोटापे, बाल झड़ने, स्किन की प्रॉबलम्स में भी लाभ मिलता है।

d) अलसी के बीज हल्का भून कर खाएं अथवा सलाद या दही में मिलाकर खाएं, चाहे तो जूस में मिलाकर पियें। यह जूस के स्वाद को बिना बदले उसकी पोषकता कई गुना बढ़ा देगा। 

e) साबुत अलसी लंबे समय तक खराब नहीं होती लेकिन इसका पाउडर (Ground flax seeds) हवा में मौजूद ऑक्सीजन के प्रभाव में खराब हो जाता है, इसलिए ज़रूरत के मुताबिक अलसी को ताज़ा पीसकर ही इस्तेमाल करें। इसे अधिक मात्रा में पीसकर न रखें। 

अलसी के बीज भूनकर खाना – Roasted flax seeds in hindi

f) बहुत ज्यादा सेंकने या फ्राई करने से अलसी के बीज का फायदा, औषधीय गुण नष्ट हो सकते हैं और इसका स्वाद बिगड़ सकता है। इसलिए अलसी के बीज को इतना भूनना चाहिए कि नमी निकल जाये। 

g) व्रत में अलसी के बीज खा सकते हैं क्योंकि ये कोई अनाज नहीं है। जैसे मूंगफली का सेवन भी व्रत में किया जाता है। मूंगफली भी एक बीज है। अलसी में भरपूर पोषक तत्व होते हैं जोकि व्रत में फायदेमंद भी है। 

6) अलसी के फायदे बालों के लिए –

जैसा कि आप जानते हैं अलसी Omega 3 fatty acids का बढ़िया स्रोत है। ये फैटी एसिड्स बालों की अच्छी बढ़त के लिए जरुरी है। 

– अलसी का सेवन बालों की जड़ों से लेकर सिरों तक को पोषण देता है। इससे बाल लम्बे और मजबूत होते हैं इसलिए कम टूटते-झड़ते हैं। 

नए निकलने वाले बाल भी स्वस्थ और सुंदर होते हैं। Omega 3 fatty acids सर की स्किन को भी सूखने से बचाते हैं, जिससे डैंड्रफ यानि रूसी की समस्या भी नहीं होती। 

7) महिलाओं के लिए अलसी के फायदे – Alsi seeds benefits in hindi

– जिन औरतों का पीरियड रेगुलर नहीं होता और पीरियड के दौरान तेज दर्द रहता हो, उन्हें रोजाना अलसी खाना चाहिए। अलसी स्त्रियों के प्रजनन अंगों को स्वस्थ बनाता है, जिससे पीरियड नियमित होता है। 

– गर्भवती स्त्रियों और स्तनपान कराने वाली माताओं को अलसी का सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए। अलसी के बीज स्तनपान के दौरान दूध न आने की समस्या को दूर करता है। 

आज भी शहरो और कस्बों के कई परिवारों में स्तनपान कराने वाली स्त्रियों को अलसी (तीसी) के बने लड्डू और अन्य भोज्य पदार्थ दिए जाते हैं। 

ये इस बात का सबूत है कि हमारे पूर्वज अलसी के बीज का महत्व अच्छी तरह जानते थे पर हम इन्हें भुलाकर सिर्फ दवाइयां खाने में विश्वास करने लगे। 

– अलसी के बीज औरतों के हार्मोनल बैलेंस के लिए बहुत सहायक होता है क्योंकि ये बीज Lignans का बहुत अच्छा स्रोत है जोकि Phytoestrogen और Anti-Oxidant गुणों से भरपूर है। 

– अलसी में पाए जाने वाला Phytoestrogen Adaptogenic होता है। अतः ये ऐसी महिलायें जिनके शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन बहुत ज्यादा है या जरुरत से कम है, दोनों को अलसी फायदा पहुँचाता है। 

– महिलाओं में रजोनिवृत्ति (Menopause) के दौरान होने वाली समस्याओं में भी अलसी के उपयोग से राहत मिलती है। यह देखा गया है कि माइल्ड मेनोपॉज़ की समस्या में रोजाना लगभग 40 ग्राम पिसी हुई अलसी खाने से वही लाभ प्राप्त होते हैं जो हार्मोन थैरेपी से मिलते हैं। 

8) अलसी के फायदे आँखों के लिए –

अलसी में मिलने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड्स तत्व नेत्र विकार, आँखों में सूखापन (Dry Eyes) के उपचार में असरदार है और डॉक्टर भी इसकी सलाह देते हैं। 

Omega 3 Fatty acids आँखों में नमी बराबर बनाये रखता है, जिससे ग्लूकोमा, High eye pressure के खतरे कम होते हैं।  

9) अलसी के आयुर्वेदिक गुण – Ayurvedic benefits of flaxseed in hindi :

आयुर्वेद में अलसी को मंद गंधयुक्त, मधुर, बलकारक, पित्तनाशक, स्निग्ध, पचने में भारी, गरम, पौष्टिक, कामोद्दीपक, किंचित कफ वात-कारक, पीठ के दर्द ओर सूजन को मिटानेवाली कहा गया है. जाड़ों में अलसी खाने से शरीर गर्म रहता है। 

– अलसी वात को संतुलित करता है, इसलिए वात बढ़ने की वजह से होने वाले विकारों का उपचार करता है। 

– अलसी के तेल को Flax seed oil या linseed oil कहते हैं।  इसमें Alpha-linolenic Acid (ALA) नामक तत्व होता है जो एक प्रकार का ओमेगा-3 फ़ैटी एसिड (omega-3 fatty acid) है, जिसके कई सारे चिकित्सकीय लाभ हैं। 

10) अलसी के गुण हार्ट के मरीज और ब्लड प्रेशर के लिए – 

– हृदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल के जमने से हृदय रोग की सम्भावना बढ़ जाती है। इसलिए अलसी कोलेस्ट्रॉल कम करके हृदय रोग होने के खतरे को भी कम करता है। 

अलसी विटामिन B Complex, मैगनिशियम, मैगनीस तत्वों से भरपूर है जोकि LDL नामक बुरे कोलेस्ट्रोल को कम करते है।  अलसी के सेवन से कोलेस्ट्रॉल के लेवल में कमी आना देखा गया है। 

11) अलसी के बीज (Flax seeds in Englishब्लड प्रेशर कंट्रोल करने, हाइपरटेंशन के रोगियों के लिए, ब्लड शुगर कंट्रोल में अत्यंत लाभदायक है। Type 1 और Type 2 Diabetes रोगियों के लिए अलसी डायबिटीज रोकने में कारगर पाया गया है। 

British Journal of Nutrition में प्रकाशित एक स्टडी में भाग लेने वाले लोगों के भोजन में 50 ग्राम अलसी 4 हफ्ते तक शामिल की गयी। नतीजा उनके रक्त में ब्लड शुगर लेवल की मात्रा 27 % तक कम हो गयी। 

12) अलसी किडनी से जुड़ी समस्याओं में भी लाभकारी है। अलसी के बीज गरम पानी में उबालकर इसके साथ एक तिहाई भाग मुलेठी का चूर्ण मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से खूनी दस्त और और मूत्र संबंधी रोगों में लाभ होता है।

13) अमेरिकी वैज्ञानिकों के एक शोध में पता चला है कि अलसी में जो Poly Unsaturated fatty acids होता है, वह विशेष रूप से स्तन का कैंसर, प्रोस्टेट और कोलन कैंसर (पेट के कैंसर) से बचाव करता है। 

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अलसी के नुक्सान, अलसी किसे नहीं खाना चाहिए – Side effects of Flaxseed in hindi  :

1. अलसी खाने से कुछ लोगों को शुरुआत में कब्ज हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अलसी के बीज में फाइबर ज्यादा होता है। इसलिए अगर आप अलसी का सेवन कर रहे हो तो पानी भरपूर पियें। सही मात्रा में अलसी खाने से कब्ज दूर होती है, लेकिन ज्यादा अलसी खाने से लूज मोशंस भी हो सकता है। 

2. प्रेगनेंसी के दौरान अलसी का सेवन डॉक्टर की सलाह लेकर 1 टेबलस्पून से अधिक नहीं करना चाहिए। बच्चा होने के बाद अलसी की बनी चीजों का सेवन निश्चिंत होकर कर सकते है। 

3. अलसी खून को पतला करती है इसलिए यदि आपको Blood Pressure की समस्या हो तो इसके सेवन से पहले डॉक्टर से एक बार सलाह लें। 

4. जरुरत से ज्यादा अलसी खाने से कुछेक लोगों को एलर्जी की शिकायत हो सकती है। इसके लक्षण हैं : पेट दर्द, उलटी, सांस लेने में दिक्कत, लो ब्लड प्रेशर आदि। 

किसी भी चीज़ की अति अच्छी नहीं होती। लेख में बताई गयी अलसी के बीज (Flaxseed) की सही मात्रा खाने से अलसी के सभी फायदों का लाभ लिया जा सकता है। 

बाल वनिता महिला आश्रम

दुनिया के अनेक देशों में अलसी के बीज या Flax seeds लोकप्रिय और सेहतमंद आहार के रूप मे जाना जाता है। 

डिस्कलेमरः खानपान, किसी आयुर्वेदिक क्रिया या औषधि को अपनाने में स्वविवेक से काम लें, अति न करें। जानकार चिकित्सक से भी सलाह लें। इस वेबसाइट के सारे लेखों का उद्देश्य केवल शैक्षिक है। 

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बुधवार, 28 अप्रैल 2021

केवल महिलाएं ही पढें ये थोड़ा… सीक्रेट है।By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब✍️ कुछ खास आप सभी 40+ के लिख रही हूँ। आजमाइए अवश्य।चूंकि प्रश्न मैंने किया था तो उत्तर तो बनता है।यदि आपकी उम्र चालीस पार पार हो गई है और आप इस सीक्रेट को छुपाए रखना रखना चाहते हैं तो आप विशिष्ट खाद्य पदार्थों जिसे सुपर फूड कहते उसे अपने आहार में सम्मिलित करिए।इस आहर के निरंतर सेवन से आपका शरीर कैंसर के विरुद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेता है साथ झुर्रियों से मुक्ति एवं मेटाबॉलिज्म का संतुलन बना रहता है।चलिए जानते हैं विस्तार से -रैशभरी - यह कैंसर रोधी फाइटोकेमिकल्स का कार्य करता है अपितु इस टेक्सचर वाली बेरीज के प्रति एक कप में 8 ग्राम फाइबर होता है। जो कॉन्स्टिपेशन से राहत देकर पेट भरे होने का अनुभव कराता है परिणामस्वरूप अतिरिक्त भोजन खाने से बचा जा सकता है।2. देशी अंडे - अंडे की जर्दी फेके बिना पूरे अंडे खाएं।इसमे हेल्दी फैट्स होते हैं जो आपको संपूर्ण प्रोटीन, कैल्शियम एवं विटामिन डी की पूर्ति करते हैं। जिससे पूर्णता का अनुभव कराते हैं। एवं क्रेविंग को रोकने में सहयोगी होते हैं।3. प्याज़ - कैंसर रोधी का कार्य करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। जो महिलाएं इसके गंध को नापसंद करती हैं कृप्या 40+ वाली महिलाएं इसे अपने भोजन में सम्मिलित करिए।4. बादाम एक टेस्टी एवं पोर्टेबल स्नैक में हार्ट - हेल्दी मोनोअनसैचुरैटेट पॉली अनसैचुरेटेड फैट होते हैं। जो एल डी एल कॉलेस्ट्राल को संतुलित करने में सहायक होते हैं। व्यायाम करने वाली महिलाओं के वजन कम करने में सहायक होते हैं।5. पालक - विटामिन ई के साथ अमीनो एसिड बीटेन, उच्च फाइबर एवं अन्य पोषक तत्व Choline जो लीवर में फैट स्टोरिंग जीन को बंद करने का कार्य करता है।6. हल्दी - इसमें एंटीआॉक्सीडेंट पाई जाती है। जो कैंसर की सूजन से रक्षा करता है।7. शहद में कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम, मैगनिज जिंक जैसे मिनरल्स होते हैं जिससे मस्तिष्क खुश रहता है और स्कीन ग्लो करती है। स्कीन सेल्स में युवा निखार लाती है।8. सेब - जो महिलाएं नियमित रूप से सेब खाती हैं उनमें कोरोनरी रोगों से लड़ने की क्षमता उत्पन्न हो जाती है। परिणामस्वरूप 12से 23% रोगों का भय कम हो जाता है।9. तरबूज - आँखों के चारों ओर घबराहट उत्पन्न करने वाले पफीनेस को कम करता है।10. गाजर - गाजर में पाया जाने वाला विटामिन A बढ़ती उम्र में ग्लोइंग त्वचा के साथ आँखों की रौशनी में भी वृद्धि करता है। इसके अतिरिक्त यह बीटा कैरोटीन से भरपूर होता है।बाल वनिता महिला आश्रमबीटा कैरोटीन एथेरोस्क्लेरोसिस से भी बचाता है। एथेरोस्क्लेरोसिस की वजह से धमनियों में वसा और कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है और इसकी वजह से किसी की मौत भी हो सकती है। अतः गाजर का सेवन अवश्यपोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद। 🙏

केवल महिलाएं ही पढें ये थोड़ा… सीक्रेट है।

By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब

✍️ कुछ खास आप सभी 40+ के लिख रही हूँ। आजमाइए अवश्य।

चूंकि प्रश्न मैंने किया था तो उत्तर तो बनता है।

यदि आपकी उम्र चालीस पार पार हो गई है और आप इस सीक्रेट को छुपाए रखना रखना चाहते हैं तो आप विशिष्ट खाद्य पदार्थों जिसे सुपर फूड कहते उसे अपने आहार में सम्मिलित करिए।

इस आहर के निरंतर सेवन से आपका शरीर कैंसर के विरुद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेता है साथ झुर्रियों से मुक्ति एवं मेटाबॉलिज्म का संतुलन बना रहता है।

चलिए जानते हैं विस्तार से -

  1. रैशभरी - यह कैंसर रोधी फाइटोकेमिकल्स का कार्य करता है अपितु इस टेक्सचर वाली बेरीज के प्रति एक कप में 8 ग्राम फाइबर होता है। जो कॉन्स्टिपेशन से राहत देकर पेट भरे होने का अनुभव कराता है परिणामस्वरूप अतिरिक्त भोजन खाने से बचा जा सकता है।

2. देशी अंडे - अंडे की जर्दी फेके बिना पूरे अंडे खाएं।

इसमे हेल्दी फैट्स होते हैं जो आपको संपूर्ण प्रोटीन, कैल्शियम एवं विटामिन डी की पूर्ति करते हैं। जिससे पूर्णता का अनुभव कराते हैं। एवं क्रेविंग को रोकने में सहयोगी होते हैं।

3. प्याज़ - कैंसर रोधी का कार्य करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। जो महिलाएं इसके गंध को नापसंद करती हैं कृप्या 40+ वाली महिलाएं इसे अपने भोजन में सम्मिलित करिए।

4. बादाम एक टेस्टी एवं पोर्टेबल स्नैक में हार्ट - हेल्दी मोनोअनसैचुरैटेट पॉली अनसैचुरेटेड फैट होते हैं। जो एल डी एल कॉलेस्ट्राल को संतुलित करने में सहायक होते हैं। व्यायाम करने वाली महिलाओं के वजन कम करने में सहायक होते हैं।

5. पालक - विटामिन ई के साथ अमीनो एसिड बीटेन, उच्च फाइबर एवं अन्य पोषक तत्व Choline जो लीवर में फैट स्टोरिंग जीन को बंद करने का कार्य करता है।

6. हल्दी - इसमें एंटीआॉक्सीडेंट पाई जाती है। जो कैंसर की सूजन से रक्षा करता है।

7. शहद में कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम, मैगनिज जिंक जैसे मिनरल्स होते हैं जिससे मस्तिष्क खुश रहता है और स्कीन ग्लो करती है। स्कीन सेल्स में युवा निखार लाती है।

8. सेब - जो महिलाएं नियमित रूप से सेब खाती हैं उनमें कोरोनरी रोगों से लड़ने की क्षमता उत्पन्न हो जाती है। परिणामस्वरूप 12से 23% रोगों का भय कम हो जाता है।

9. तरबूज - आँखों के चारों ओर घबराहट उत्पन्न करने वाले पफीनेस को कम करता है।

10. गाजर - गाजर में पाया जाने वाला विटामिन A बढ़ती उम्र में ग्लोइंग त्वचा के साथ आँखों की रौशनी में भी वृद्धि करता है। इसके अतिरिक्त यह बीटा कैरोटीन से भरपूर होता है।

बाल वनिता महिला आश्रम

बीटा कैरोटीन एथेरोस्क्लेरोसिस से भी बचाता है। एथेरोस्क्लेरोसिस की वजह से धमनियों में वसा और कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है और इसकी वजह से किसी की मौत भी हो सकती है। अतः गाजर का सेवन अवश्य

पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद। 🙏

रविवार, 11 अप्रैल 2021

Sem: Charismatically Benefits Sem - By Social Worker Vanita Kasania PunjabBAL Vnita mahila ashramBeans are a type of vine, whose beans (sem phali) are used for food. Bean pod

Sem: करिश्माई ढंग से फायदा करता है सेम –  By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब

सेम एक प्रकार का लता होता है, जिसकी फलियों (sem phali) को खाने के लिए प्रयोग किया जाता है। सेम के फली में बहुत सारी पौष्टकताएं होने के कारण आयुर्वेद में सेम को औषधि के रुप में इस्तेमाल की जाती है। सेम के प्रत्येक फली में 4-5 बीज होते हैं, जो अंडाकार होती हैं। सेम का सेवन कई तरह से किया जा सकता है, वैसे ज़्यादातर लोग सेम की सब्जी (sem ki sabji) बनाकर खाते हैं। 

Sem vegetable

सेम की फली को गला और पेट का दर्द, सूजन, बुखार, अल्सर जैसे अनेक बीमारियों के उपचार के लिए प्रयोग में लाया जाता है। चलिये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं कि सेम कितने बीमारियों के लिए फायदेमंद है-

 

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सेम क्या है? (What is Sem Phali in Hindi?)

शायद आपको पता नहीं कि वर्ण के आधार पर सेम कई प्रकार की होती हैं। इसकी लता लम्बी, जमीन पर फैलने वाली  होती है। इसकी फली 3.8-5 सेमी लम्बी, 1.2-1.8 सेमी चौड़ी, हरी अथवा बैंगनी रंग की होने के साथ आगे के भाग की ओर नुकीली होती है। बीज 2-4 की संख्या में सफेद, पीली, बैंगनी अथवा काले रंग के होती है।

सेम की फली (sem ki phali) में कॉपर, आयरन,मैग्निशियम, फॉस्फोरस, प्रोटीन, कैल्शियम आदि अनगिनत पौष्टिकताएं होती है। सेम की सब्जी (sem ki sabji) बनाकर खाने से भी कुछ हद तक इसकी पौष्टिकताओं का फायदा मिल सकता है साथ ही बीमारियों से भी राहत मिलने में मदद मिल सकती है। सेम मधुर, थोड़ा कड़वा , गर्म तासीर होने के कारण भारी भी होता है। सेम कफ , वात और पित्त को कम करने के साथ स्पर्म काउन्ट कम करता है लेकिन ब्रेस्ट का साइज बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा सेम पेट फूलना, एसिडिटी तथा विष का असर कम करने वाला होता है। चलिये सेम के बारे में विस्तार से आगे जानते हैं।

अन्य भाषाओं में सेम के नाम (Name of Sem in Different Languages)

सेम की फली का वानस्पतिक नाम : Lablabpurpureus (Linn.) Sweet (लैबलैब परपूरियस)Syn-Dolichos lablab Linn है। सेम की फली Fabaceae (फैबेसी) कुल का होता है। सेम का अंग्रेजी नाम Flat Bean (फ्लैट बीन) है। लेकिन सेम को भारत के अन्य प्रांतों में भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जाता है।

Sem beans in-

  • Sanskrit-निष्पाव, वल्लक, श्वेतशिम्बिका;
  • Hindi-निष्पाव, भटवासु, बल्लार, सेम;
  • Assamese-उरी (Uri), उरसी (urshi);
  • Kannadaअवरे (Avare);
  • Gujrati-ओलीया (Oliya), वाल (Val);
  • Tamil-मोचै (Motchai);
  • Teluguअनुमुलु (Anumulu);
  • Bengali-मखानसिम (Makhansim), बोरबोटी (Borboti);
  • Nepali-राजसिमी (Rajsimi);
  • Punjabi-कालालोबिया (Kalalobia), कटजंग (Katjang);
  • Marathi-पाओटे (Paote), वाल (Vaal);
  • Malayalam-अमारा (Amara)।
  • English-इजिप्शियन किडनी बीन (Egyptian kidney bean), पर्पल हयासिंथ (Purple hyacinth), बोनोविस्ट बीन  (Bonovista bean), इण्डियन बीन (Indian bean), हयासिंथ बीन (Hyacinth bean);
  • Persian-लोबिया (Lobiya)।

 

सेम के फायदे (Benefits of Sem Beans in Hindi)

 अभी तक आपने सेम के बारे में बहुत कुछ जाना। लेकिन सेम के फायदों के आधार पर आयुर्वेद में कैसे औषधि के रुप में प्रयोग किया जाता है, आगे इसके बारे में जानते हैं-

 

गले का दर्द दूर करे सेम की फली ( Benefit of Sem Beans in Sore Throat in Hindi)

मौसम के बदलाव के साथ गले में दर्द , सर्दी-खांसी जैसी बहुत सारी समस्याएं होने लगती है। गले के दर्द से आराम पाने में सेम की फली (sem ki fali) का ऐसे सेवन करने पर आराम मिलता है। 5-10 मिली सेम के पत्ते के रस का सेवन करने से गले का दर्द कम होता है।

और पढ़े –  गले के  रोग में  कम्पिल्लक  के फायदे By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब

दस्त से दिलाये राहत सेम की फली (Sem ki Fali to Fight Diarrhoea in Hindi)

अगर खान-पान में बदलाव के कारण दस्त हो रहा है तो सेम के बीजों का काढ़ा बनाकर 10-30 मिली मात्रा में सेवन करने से उल्टी, दस्त, मूत्र संबंधी समस्या एवं पेट के दर्द से लाभ मिलता है।

पेट दर्द से दिलाये आराम सेम (Benefits of Sem Vegetable for Stomachalgia in Hindi)

अक्सर मसालेदार खाना खाने पर पेट में गैस हो जाता है जिसके कारण पेट में दर्द होने लगता है। सेम के पत्तों को पीसकर पेट पर लगाने से पेट का दर्द कम हो जाता है।

और पढ़े:    पेट दर्द में उस्तूखूदूस के फायदे By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब

पेट फूलने के परेशानी से दिलाये राहत सेम (Sem Beans Beneficial in Flatulance in Hindi)

अगर अपच के कारण पेट फूलने की समस्या होती है तो उसमें सेम बहुत काम आता है। सेम के बीजों को आग में भूनकर खाने से आध्मान या पेट फूलने की समस्या में लाभ होता है।

Sem ki sabji

अल्सर में फायदेमंद सेम की फली (Sem Vegetable Benefits in Ulcer in Hindi)

 सेम की फली (sem ki phali) अल्सर का घाव सूखाने में बहुत काम आता है। राजशिम्बी के बीजों को भैंस के दूध में पीसकर शाम के समय अल्सर पर लगाना चाहिए इस तरह लगाने से अल्सर का घाव शीघ्र भर जाता है; क्योंकि शाम के समय गर्मी कम होती है।

कंडू या खुजली की परेशानी करे दूर सेम की फली (Benefits of Sem Fali to Get Relief from Scabies in Hindi)

कभी-कभी एलर्जी के कारण खुजली की समस्या होती है। सेम के पत्ते के रस को खुजली वाले जगह पर लगाने से परेशानी कम होती है।

दाद की समस्या करे दूर सेम की फली (Sem Beans Benefits in Ringworm  in Hindi)

दाद की समस्या है तो वहां सेम के पत्ते का रस लगायें। इससे दाद या रिंगवर्म जल्दी ठीक होता है।


बुखार को करे कम सेम की फली (Sem Vegetable Benefits in Fever in Hindi)

सेम बीजों का काढ़ा बनाकर 15-30 मिली काढ़े में 1 ग्राम सोंठ मिलाकर पीने से ज्वर या बुखार के लाभ होता है।

सूजन में फायदेमंद सेम की फली (Sem to Treat Inflammation in Hindi)

सेम बीजों को पीसकर सूजन वाले स्थान पर लगाने से सूजन से जल्दी आराम मिलता है।

कैंसर के इलाज में लाभकारी सेम (Sem Beneficial to Treat Cancer in Hindi)

एक रिसर्च के अनुसार सेम में एंटी कैंसर  गुण होने के वजह से ये कैंसर के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। 

 

श्वसन विकार के इलाज में लाभकारी सेम (Benefits of Sem in Breathing Disease in Hindi)

एक रिसर्च के अनुसार सेम में ऐसे गुण होते हैं जो कि रेस्पिरेटरी यानी श्वसन प्रक्रिया को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है।

 

पाचन को स्वस्थ बनाये रखने में मददगार सेम ( Sem Beneficial in Digestive System in Hindi)

सेम की फली पाचन संबंधी समस्याओ में भी फायदेमंद होती है विशेषरूप से डायरिया में क्योंकि रिसर्च के अनुसार सेम में एस्ट्रिंजेंट यानि कषाय का गुण होता है जो कि डायरिया जैसी समस्याओं को दूर कर पाचन को स्वस्थ्य बनाये रखने में मदद करती है। 

 

हृदय के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद सेम (Sem Beneficial for Healthy Heart in Hindi)

एक रिसर्च के अनुसार सेम में कार्डिओवस्कुलर सिस्टम को स्वस्थ बनाये रख क हृदय संबधी रोग को दूर रखने में सहायक होती है। 

सेम की फली के उपयोगी भाग (Useful Part of Sem in Hindi)

आयुर्वेद में सेम के फली, बीज तथा पत्ते का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है।

sem ki phali

सेम की फली का सेवन कैसे करना चाहिए (How to Consume Sem Beans in Hindi)

बीमारी के लिए सेम के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। इसके अलावा आप सेम की सब्जी (Sem ki sabji) बनाकर इसका सेवन कर सकते हैं। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए सेम का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें। चिकित्सक के परामर्श के अनुसार-

–15-30 मिली काढ़ा

–5-10 मिली रस का प्रयोग कर सकते हैं।

सेम की फली कहां पाई और उगाई जाती है (Where Sem Beans is Found or Grown in Hindi)

समस्त भारत में इसकी खेती की जाती है तथा इसकी फलियों का प्रयोग साग के रूप में किया जाता है।