सोमवार, 20 जून 2022

(बवासीर को जड़ से खत्म करते हैं ये 6 आयुर्वेदिक उपचार|)

बवासीर को जड़ से खत्म करते हैं ये 6 आयुर्वेदिक उपचार|

By वनिता कासनियां पंजाब

बवासीर बहुत ही पीड़ादायक रोग है। इसका दर्द असहनीय होता है। बवासीर मलाशय के आसपास की नसों की सूजन के कारण विकसित होता है। बवासीर दो तरह की होती है, अंदरूनी और बाहरी। अंदरूनी बवासीर में नसों की सूजन दिखती नहीं पर महसूस होती है, जबकि बाहरी बवासीर में यह सूजन गुदा के बिलकुल बाहर दिखती है। बवासीर को पहचानना बहुत ही आसान है। मलत्याग के समय मलाशय में अत्यधिक पीड़ा और इसके बाद रक्तस्राव, खुजली इसका लक्षण है। इसके कारण गुदे में सूजन हो जाती है। आयुर्वेदिक औषधियों को अपनाकर बवासीर से छुटकारा पाया जा सकता है।

फाइबर युक्त आहार

अच्‍छे पाचन क्रिया के लिए फाइबर से भरा आहार बहुत जरूरी होता है। इसलिए अपने आहार में रेशयुक्त आहार जैसे साबुत अनाज, ताजे फल और हरी सब्जियों को शामिल करें। साथ ही फलों के रस की जगह फल खाये।

छाछ

बवासीर के मस्‍सों को दूर करने के लिए मट्ठा बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए करीब दो लीटर छाछ लेकर उसमे 50 ग्राम पिसा हुआ जीरा और स्‍वादानुसार नमक मिला दें। प्यास लगने पर पानी के स्‍थान पर इसे पीये। चार दिन तक ऐसा करने से मस्‍से ठीक हो जायेगें। इसके अलावा हर रोज दही खाने से बवासीर होने की संभावना कम होती है। और बवासीर में फायदा भी होता है।

त्रिफला

आयुर्वेंद की महान देन त्रिफला से हम सभी परिचित है। इसके चूर्ण का नियमित रूप से रात को सोने से पहले 1-2 चम्‍मच सेवन कब्‍ज की समस्‍या दूर करने मेंं मदद करता है। जिससे बवासीर में राहत मिलती है।

जीरा

छोटा सा जीरा पेट की समस्‍याओं बहुत काम का होता है। जीरे को भूनकर मिश्री के साथ मिलाकर चूसने से फायदा मिलता है। या आधा चम्‍मच जीरा पाउडर को एक गिलास पानी में डाल कर पियें। इसके साथ जीरे को पीसकर मस्‍सों पर लगाने से भी फायदा मिलता है।

अंजीर

सूखा अंजीर बवासीर के इलाज के लिए एक और अद्भुत आयुर्वेदिक उपचार हैं। एक या दो सूखे अंजीर को लेकर रात भर के लिए गर्म पानी में भिगों दें। सुबह खाली पेट इसको खाने से फायदा होता है।

तिल

खूनी बवासीर में खून को रोकने के लिए 10 से 12 ग्राम धुले हुए काले तिल को लगभग एक ग्राम ताजा मक्खन के साथ लेना च‍ाहिए। इसे लेने से भी बवासीर में खून आना बंद हो जाता है।

हरीतकी

हरड़ के रूप में लोकप्रिय हरीतकी कब्‍ज को दूर करने का एक बहुत अच्‍छा आयुर्वेदिक उपाय है। हरीतकी चूर्ण आधा से एक चम्मच, रात को गुनगुने पानी से लेने से या गुड़ के साथ हरड खाने से बवासीर की समस्‍या से निजात मिलता है।

बड़ी इलायची

लगभग 50 ग्राम बड़ी इलायची को तवे पर रखकर भूनते हुए जला लीजिए। ठंडी होने के बाद इस इलायची को पीस चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को नियमित रूप से सुबह पानी के साथ खाली पेट लेने से बवासीर की समस्‍या ठीक हो जाती है।

आंवला

आयुर्वेद में आंवले को बहुत महत्ता प्रदान की गई है, जिससे इसे रसायन माना जाता है। यह शरीर में आरोग्य शक्ति को बढ़ाता है।आंवला पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। बवासीर की समस्‍या होने पर आंवले के चूर्ण को सुबह-शाम शहद के साथ पीने से फायदा होता है।

नीम

नीम के छिलके सहित निंबौरी के पाउडर को प्रतिदिन 10 ग्राम रोज सुबह रात में रखे पानी के साथ सेवन कीजिए, इससे बवासीर में फायदा होगा। इसके अलावा नीम का तेल मस्सों पर लगाने और इस तेल की 4-5 बूंद रोज पीने से बवासीर में लाभ होता है।

गुलाब की पंखुडियां

बवासीर में खून की समस्‍या को दूर करने के लिए बहुत ही अच्‍छा आयुर्वेदिक उपचार है। इसके लिए थोड़ी सी गुलाब की पंखुडी को 50 मिलीलीटर पानी में कुचल कर तीन 3 दिन खाली पेट लेना चाहिए। लेकिन ध्‍यान रहें इस उपचार के साथ केले का सेवन न करें।

इसबगोल

इसबगोल की भूसी, गलत खान-पान से उपजी व्याधियों को दूर करने की एक ऐसी ही अचूक, प्राकृतिक और चमत्कारिक औषधि है। इसबगोल भूसी का प्रयोग करने से से अनियमित और कड़े मल से राहत मिलती है। इससे कुछ हद तक पेट भी साफ रहता है और मस्‍सा ज्‍यादा दर्द भी नही करता। रात को सोने से पहले एक या दो चम्‍मच इसकी भूसी को दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है।

वनिता कसनिया पंजाब



अलसी के फायदे

पोषक तत्वों से भरपूर अलसी वजन कम करने के लिए बहुत अच्छा घरेलू नुस्खा है। बेहतर परिणाम के लिए इसे सही तरीके से खाने की जरूरत है।

overweight people can eat superfood flaxseed in this way for weight lossपतला होने के लिए पहले जान लें अलसी खाने का सही तरीका, इस चीज के साथ मिलाएंगे तो जल्‍दी होगा Weight loss
अलसी एक बेशकीमती सुपर फूड है, जो अपने पोषक तत्वों और स्वास्थ्य लाभ के लिए जानी जाती है। छोटे-छोटे भूरे रंग के बीज हाल ही में लोगों के बीच काफी पॉपुलर हुए हैं, लेकिन वास्तव में ये सबसे पुरानी फसल है। ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर और लिग्रान से भरपूर ये बीज पाचन में सुधार, हृदय रोग, टाइप-2 डायबिटीज और कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए बहुत फायदेमंद हैं। इतना ही नहीं, ये बीज वजन घटाने में भी बहुत मदद करते हैं।

विशेषज्ञों की मानें, तो मेटाबॉलिज्म को तेज करने और कुछ किलो वजन कम करने के लिए अपने आहार में अलसी को शामिल करना चाहिए। लेकिन इन बीजों का ज्यादा लाभ लेने के लिए इनका सही तरह से सेवन करने की जरूरत है। तो चलिए यहां बताते हैं कि वजन घटाने के लिए अलसी खाने का सही तरीका क्या है, लेकिन उससे पहले जानते हैं अलसी से जुड़ी कुछ जरूरी बातें।अलसी में मौजूद पोषक तत्
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अलसी में हाई क्वालिटी वाले अमीनो एसिड होते हैं। इसमें प्रोटीन भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इन छोटे बीजों में थायमीन, कॉपर, माॅलिब्डेनम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, सायनोजेनिक ग्लाइकोसाइड, फाइटोस्टेरॉल और लिग्रंस भी मौजूद हैं, जो वजन घटाने में आपका पूरा सहयोग करते हैं।

कैसे वजन कम करते हैं अलसी के बीज-

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सबसे पहले तो बता दें कि वजन कम करने के लिए प्रोटीन का अच्छा सेवन करना जरूरी होता है इसलिए वजन घटाने के मामले में अलसी से बेहतर कुछ नहीं है। 100 ग्राम बीजों में 18 ग्राम प्रोटीन होता है। इससे जरूरी माइक्रोन्यूट्रिएंट सेल्स को रिपेयर करने और मांसपेशियों का निर्माण करने में बहुत मदद मिलती है।

चूंकि, इसमें म्यूसिलेज नाम का फाइबर होता है, जिसका सेवन करने से भूख में कमी आती है। इस फाइबर के सेवन से क्रेविंग को भी रोका जा सकता है। कई अध्ययनों में साबित हुआ है कि रोजाना एक चम्मच अलसी पाउडर को आहार में शामिल करने से मोटे लोगों को वजन घटाने में आसानी होती है।

​अलसी के सेवन के अन्य फायदे-

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ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होने के कारण ये छोटे बीच हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने और बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद कर सकते हैं। हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोग भी बीपी को नियंत्रित रखने के लिए इसका सेवन कर सकते हैं। अध्ययनों के मुताबिक, अलसी के बीज कैंसर के खतरे को कम करने और शरीर में आने वाली सूजन से छुटकारा दिलाने में कारगर हैं।

​अलसी के सेवन का

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  • 1 गिलास- पानी
  • 1 बड़ा चम्मच- अलसी
  • 1 बड़ा चम्मच- नींबू का रस
  • 1 चम्मच- गुड़

बनाने की विधि-

  1. सबसे पहले एक पैन में पानी भरें।
  2. इसमें पिसी हुई अलसी का पाउडर डालें।
  3. 2-3 मिनट तक पानी को उबालें और फिर गैस बंद कर दें।
  4. स्वाद बढ़ाने के लिए इस मिश्रण में नींबू का रस और गुड़ डालें और पी जाएं।

​अलसी खाने का सही तरीका-

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बहुत कम लोग जानते हैं कि अलसी दो तरह की होती है पीली और भूरी। दोनों ही एक तरह से पौष्टिक और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। आप चाहें, तो बीजों को भून सकते हैं या फिर इन्हें पीसकर पाउडर बना सकते हैं। पाउडर को एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करके रखें। जब भी मन करे, सलाद या स्मूदी में एक चम्मच डालकर खाएं।

​अलसी का सेवन किसे नहीं करना चाहिए

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अंग्रेजी में इस स्‍टोरी को पढ़ने के लिए यहां क्‍लिक करेंलो ब्लड प्रेशर, लो ब्लड शुगर लेवल, कब्ज, डायरिया, हार्मोनल प्रॉब्लम से पीड़ित ल,