बुधवार, 17 मार्च 2021

हल्दी जितना भारतीय है, उतना ही शुभ और औषधीय गुणों से भरा 🌹 *By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब🌹 राम राम जी* 🌹🙏🙏🌹हल्दी दूधइमेज स्रोत,Vnitaकुछ साल पहले लंदन की एक कॉफी दुकान में जब मैंने पहली बार हल्दी दूध को देखा तो मुझे भरोसा नहीं हुआ. मेन्यू में इसे 'गोल्डन मिल्क' नाम दिया गया था.इसमें बादाम, थोड़ी दालचीनी और काली मिर्च के साथ मिठास के लिए प्राकृतिक एगेव सिरप डाली गई थी.उसके आगे मैंने पढ़ना बंद कर दिया. इसकी एक वजह शायद यह थी कि मैंने उसकी महंगी क़ीमत देख ली थी. दूसरी वजह, मुझे भारत की हज़ारों दादी मां की मुस्कान याद आ गई थी.थोड़ी देर के लिए मैं बचपन की यादों में खो गई जब मेरी मां मुझे गर्म हल्दी दूध पिलाने के लिए दुलारती थी. मना करने पर डांट भी पड़ती थी.विज्ञापनउस दूध में मेवे नहीं होते थे. मीठा बनाने के लिए बस चीनी मिली होती थी. आख़िरी घूंट में मुंह में हल्दी भर जाती थी. हिंदी में जिसे हल्दी दूध कहा जाता है उसे मेरी मां तमिल में पलील मंजल कहती थी.छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ेंऔर ये भी पढ़ेंसत्यजीत चौरसियासलमान, ऋतिक, फ़रहान के सिक्स पैक ऐब्स कौन बनवाता है?द ग्रेट इंडियन किचनद ग्रेट इंडियन किचन: भारतीय पुरुषों के पाखंड को बेपर्दा करती एक ज़रूरी फ़िल्मसमंदर किनारे एक महिला और दो युवतियांपति की मौत, बच्चों की परवरिश और नाकाम इश्क़ की दास्तांअरुणा तिर्कीझारखंड के आदिवासी खाने को 'स्टेटस सिम्बल' बनाने वाली ये महिलाएँसमाप्तहल्दीइमेज स्रोत,मसाला या औषधि?गले में खराश हो या शरीर में बुखार हो, मां तुरंत ही हल्दी दूध पिला देती थी. कई भारतीय इसे तरल रामबाण औषधि मानते हैं.पश्चिमी देशों ने पिछले दशक में ही हल्दी को खोजा और इसे 'सुपरफ़ूड' बनाने में देर नहीं की.उन्होंने हल्दी की ताज़ी गांठों को चाय और कॉफी में मिला दिया. उसका शरबत बनाने लगे और तुरंत फ़ायदे के लिए हल्दी का गाढ़ा पेय तैयार कर दिया.लंदन के बाद सैन फ्रांसिस्को से लेकर मेलबर्न तक सभी शहरों के कैफे और कॉफी दुकानों में मैंने हल्दी वाले पेय देखे हैं.भारत में हल्दी लंबे समय से रसोई की प्रमुख सामग्रियों में से एक है. यह दो रूपों में इस्तेमाल होती है- गांठों के रूप में और अब हल्दी पाउडर के रूप में भी.मेरी मसालदानी में सरसों, जीरा और मिर्च पाउडर के साथ हमेशा हल्दी पाउडर मिलता है. मेरी मां भी ऐसे ही मसाले रखती थी और उनसे पहले उनकी मां का भी यही तरीक़ा था.लंदन में हल्दी-दूध की धूमपारंपरिक भारतीय रसोई में हल्दी खाने में रंग लाने के लिए इस्तेमाल होती है, ख़ास तौर पर करी और शोरबा बनाने में.हल्दी की ताज़ी और मुलायम गांठों से हल्दी का अचार भी बनता है, जिसके ऊपर गर्म तेल से छौंक लगाई जाती है. कुछ समुदायों में हल्दी के पत्तों का लिफाफा बनाकर उसमें भोजन पकाया जाता है.'द फ्लेवर ऑफ़ स्पाइस' की लेखिका मरियम रेशी कहती हैं, "गोवा में मैं अपने घर में हल्दी उगाती हूं ताकि यहां की मशहूर पटोलिओ मिठाई बना सकूं."पटोलियो बनाने के लिए दरदरे चावल में गुड़ मिलाकर उसे हल्दी के दो पत्तों के बीच रखा जाता है. इसके बाद उसे भाप लगाकर पकाया जाता है जिससे उसमें हल्दी की ख़ास ख़ुशबू आ जाती है.हल्दी दूधइमेज स्रोत,हल्दी कितनी ज़रूरी?क्या नए भारतीय व्यंजनों में भी हल्दी की उतनी ही अहमियत है जितना पांरपरिक खाने में है? यह जानने के लिए मैंने मुंबई के मशहूर द बॉम्बे कैंटीन रेस्तरां के एक्जीक्यूटिव शेफ़ थॉमस ज़कारिया से बात की.ज़कारिया अपने रेस्तरां में सिर्फ़ ताज़ी और स्थानीय सामग्रियों का ही इस्तेमाल करते हैं. वह हल्दी को "कम जायके वाली पृष्ठभूमि सामग्री" कहते हैं."मुझे लगता है कि भारत में ज़्यादातर लोग इसे आदत के कारण इस्तेमाल करते हैं, न कि खाने में कोई जायका बढ़ाने के लिए."ज़कारिया को जब भी मौक़ा मिलता है वह ताज़ी हल्दी को स्टार सामग्री की तरह इस्तेमाल करते हैं, जैसे केरल की फिश करी मीन मोइली बनाने के लिए.हल्दी और अदरक एक ही परिवार के हैं. भारत के कई राज्यों में इसकी खेती होती है.फाइनेंसियल एक्सप्रेस के मुताबिक दुनिया भर के कुल हल्दी उत्पादन का 75 फ़ीसदी से अधिक हिस्सा भारत में होता है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा हल्दी निर्यातक है और यहां इसकी खपत भी सबसे ज़्यादा है.दक्षिण भारत के गर्म और आर्द्र मौसम वाले राज्यों- आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में उम्दा क्वालिटी वाली हल्दी का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है.इसे मई से अगस्त के बीच लगाया जाता है और जनवरी आते-आते फसल तैयार होने लगती है.हल्दी की फसलइमेज स्रोत,शगुन की गांठइसमें कोई आश्चर्य नहीं कि तमिलनाडु में जनवरी के मध्य में होने वाली नई फसल के उत्सव पोंगल में हल्दी की जड़ और पत्तों का इस्तेमाल होता है.दूध उबालने के बर्तन के मुंह पर हल्दी के ताज़े पत्ते और उसकी जड़ बांधी जाती है. इसे धनधान्य का प्रतीक माना जाता है.भारत में हल्दी रसोई के एक मसाले से कहीं बढ़कर है. भारतीय संस्कृति में इसकी ख़ास जगह है.कई हिंदू समुदायों में शादी जैसे शुभ अवसरों पर उर्वरता और समृद्धि के प्रतीक के तौर पर हल्दी का उपयोग किया जाता है.मिसाल के लिए, शादी से पहले हल्दी की रस्म होती है जिसमें परिवार के बड़े बुज़ुर्ग दुल्हन और दूल्हे के चेहरे पर हल्दी का लेप लगाते हैं.दुल्हन के मंगलसूत्र के धागे को भी हल्दी के घोल में डुबोया जाता है. आज भी शादी सहित तमाम शुभ मौकों पर पहने जाने वाले कपड़ों के किसी कोने में हल्दी पाउडर लगा दिया जाता है.भारतीय महिलाएं अपने घरेलू फेस पैक में एक चुटकी हल्दी मिलाती हैं. उनका मानना है कि हल्दी से त्वचा साफ़ और चमकदार होती है.हल्दीइमेज स्रोत, IMAGESअसली भारतीय मसालारेशी का कहना है कि भारत के ज़्यादातर मसाले खोजी यात्री और आक्रमणकारी लेकर आए, जैसे मिर्च दक्षिण अमरीका से लाया गया तो जीरा पूर्वी भूमध्य सागर क्षेत्र से आया. मगर हल्दी पूरी तरह भारतीय है."यह हमारा मसाला है. जिस तरह से हमने इसे दिल से अपनाया है और इसके औषधीय गुणों पर हमारा जैसा विश्वास है वह हज़ारों साल की अंतरंगता से बनता है."दस साल पहले एक पुराने दर्द के इलाज के लिए मैं केरल के एक आयुर्वेद अस्तपाल गई थी. उन्होंने हल्दी के लेप, कुछ मालिश और अन्य औषधियों से मेरा इलाज किया था.तब एक वरिष्ठ वैद्य ने मुझे बताया था कि आयुर्वेद में हल्दी को जलन कम करने वाला माना गया है. इससे दर्द में राहत मिलती है.कई भारतीय हल्दी से घरेलू उपचार करते हैं, जैसे टखने में मोच आ जाए तो हल्दी का लेप लगा लो या या सर्दी भगानी हो तो हल्दी की गांठ का धुआं सूंघ लो. आयुर्वेद की परंपरागत चिकित्सा प्रणाली में इसका इस्तेमाल सदियों से हो रहा है.बेंगलुरू के सौक्या होलिस्टिक हेल्थ सेंटर के संस्थापक डॉक्टर आइज़क मथाई का कहना है कि आयुर्वेद मानव शरीर में तीन तरह की ऊर्जा मानता है- वात, पित्त और कफ."हल्दी एकमात्र ऐसी औषधि सामग्री है जो इन तीनों तरह के दोषों को ठीक करती है."यह जलन कम करती है. साथ ही यह भी माना जाता है कि हल्दी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-सेप्टिक गुण होते हैं. हालांकि इन चिकित्सीय गुणों के वैज्ञानिक प्रमाण अभी नहीं मिले हैं.हल्दीइमेज स्रोत Vnita punjabहल्दी के रासायनिक गुणहल्दी को उसका चमकीला पीला रंग और इसकी कथित औषधीय ख़ूबियां एक रासायनिक घटक से मिलती हैं. इसका नाम है कर्क्यूमिन.एक सिद्धांत कहता है कि भारतीय खाना पकाने में जिस तरह तेल में फ्राई किया जाता है उससे कर्क्यूमिन का असर बढ़ जाता है.पोषण विशेषज्ञ और 'द एवरीडे हेल्दी वेजिटेरियन' की लेखिका नंदिता अय्यर कहती हैं, "कर्क्यूमिन एक तेज़ी से घुलने वाला यौगिक है. वसा के साथ कर्क्यूमिन के मिल जाने से शरीर में उसके अवशोषित होने की संभावना बढ़ जाती है."अगर यह सही है तो यह मेरे कानों में शहद घुलने जैसा है. इसका मतलब यह है कि मैं बिना किसी अपराधबोध के हल्दी दूध पीने से मना कर सकती हूं और उसकी जगह हल्दी का मसालेदार अचार खा सकती हूं.उनके लिए जो महंगे कैफे में टर्मरिक लैटे पीने के लिए बड़ी रकम ख़र्च करते हैं, उनको चेत जाना चाहिए कि यह उनकी सभी मर्ज की दवा नहीं है. अच्छा हो कि वे इसे रामबाण औषधि की जगह गर्मागर्म पेय समझकर पिएं.

ہلدی جتنی زیادہ ہندوستانی ہوتی ہے ، اتنا ہی مضحکہ خیز اور دواؤں کی خوبیوں سے بھری ہوتی ہے منجانب * سماجی کارکن وینیتا کاسنی پنجاب🌹 ‎رام رام جی * ‏🌹🙏🙏🌹 ‎ہلدی کا دودھ تصویری ماخذ ، ‏Vnita ‎کچھ سال پہلے جب میں نے لندن میں ایک کافی شاپ میں ہلدی کا دودھ پہلی بار دیکھا تو مجھے یقین نہیں آیا۔ مینو میں ، اس کا نام 'گولڈن دودھ' رکھا گیا تھا۔ اس میں بادام ، تھوڑی سی دارچینی اور کالی مرچ کے ساتھ مٹھاس لانے کے لئے قدرتی ایگیو شربت شامل کیا گیا تھا۔ میں نے اس سے پہلے پڑھنا چھوڑ دیا۔ شاید اس کی ایک وجہ یہ بھی تھی کہ میں نے اس کی مہنگی قیمت دیکھی تھی۔ دوم ، مجھے ہندوستان کی ہزاروں دادیوں کی مسکراہٹ یاد آئی۔ تھوڑی دیر کے لئے میں بچپن کی یادوں میں کھو گیا تھا جب میری والدہ گرم ہلدی کھلانے کے لئے مجھے پیار کرتی تھیں۔ انکار کرنے پر بھی ڈانٹ پڑ رہی تھی۔ اشتہار اس دودھ میں گری دار میوے نہیں تھے۔ شوگر صرف اسے میٹھا بنانے کے لئے دستیاب تھا۔ آخری گھونٹ میں ، ہلدی منہ میں بھر گئی۔ ہندی میں ، جسے ہلدی کا دودھ کہا جاتا ہے ، میری والدہ تمل میں پیل منجل کہتے تھے۔ چھوڑیں اور پڑھیں اور بھی پڑھیں ستیجیت چورسیا سلمان ، ہریتک ، فرحان کے سکس پیک کون بنا دیتا ہے؟ گریٹ انڈین کچن دی گریٹ انڈین کچن: ہندوستانی مردوں کے منافقت کو اجاگر کرنے والی ایک اہم فلم ساحل سمندر پر ایک عورت اور دو جوان خواتین شوہر کی موت ، بچوں کی پرورش اور ناکام محبت کی داستانیں ارونا ٹرکی یہ خواتین ، جو جھارکھنڈ کے قبائلی کھانے کو 'درجہ کی علامت' بناتی ہیں ختم ہلدی تصویری ماخذ ، مصالحے یا آلودہ؟ اگر گلے کی سوزش یا جسمانی بخار تھا تو ، ماں فورا. ہلدی دودھ پلایا کرتی تھی۔ بہت سے ہندوستانی اس کو مائع بیماریوں سے پاک سمجھتے ہیں۔ مغربی ممالک نے پچھلی دہائی میں ہی ہلدی کی دریافت کی تھی اور اسے 'سپر فوڈ' بنانے میں تاخیر نہیں کی تھی۔ انہوں نے ہلدی کے تازہ گانٹھوں کو چائے اور کافی میں ملایا۔ اس کا شربت بنانا شروع کیا اور فوری طور پر فائدہ کے ل ‏a ‎ہلدی کا ایک گھنا مشروب تیار کیا۔ لندن کے بعد ، میں نے سان فرانسسکو سے میلبورن تک تمام شہروں میں کیفے اور کافی شاپس میں ہلدی کے مشروبات دیکھے ہیں۔ ہلدی ایک طویل عرصے سے ہندوستان میں باورچی خانے کا ایک اہم عنصر رہا ہے۔ یہ دو شکلوں میں استعمال ہوتا ہے - گانٹھوں کی شکل میں اور اب ہلدی پاؤڈر کی شکل میں بھی۔ میرے مسالدانی میں ہلدی پاؤڈر ہمیشہ سرسوں ، زیرہ اور مرچ پاؤڈر کے ساتھ ملتا ہے۔ میری والدہ بھی اسی طرح کے مصالحے استعمال کرتی تھیں اور اس سے پہلے ان کی والدہ کا بھی یہی طریقہ تھا۔ لندن میں ہلدی دودھ کی تیزی روایتی ہندوستانی کچن میں ، ہلدی کا استعمال کھانے میں رنگ شامل کرنے کے لئے کیا جاتا ہے ، خاص کر سالن اور شوربے بنانے میں۔ ہلدی کے اچار ہلدی کے تازہ اور نرم گانٹھوں سے بھی بنائے جاتے ہیں ، جس پر گرم تیل کا چھڑکle ‎لگایا جاتا ہے۔ کچھ برادریوں میں ہلدی کے پتے لفافہ ہوجاتے ہیں اور اس میں کھانا پکایا جاتا ہے۔ 'مسالے کے ذائقے' کے مصنف مریم ریشی کا کہنا ہے کہ ، "میں گوا میں اپنے گھر میں ہلدی اگاتا ہوں تاکہ یہاں کی مشہور پٹرولیو میٹھی بنائی جا.۔ پٹولو بنانے کے لئے موٹے موٹے چاول میں گڑ ملا کر ہلدی کے دو پتوں کے بیچ رکھیں۔ اس کے بعد اسے بھاپ سے پکایا جاتا ہے اور اس میں ہلدی کی خوشبو آتی ہے۔ ہلدی کا دودھ تصویری ماخذ ، ہلدی کتنی اہم ہے؟ کیا روایتی ہندوستانی کھانوں میں ہلدی اتنی ہی اہم ہے جتنی روایتی کھانوں میں؟ اس کو جاننے کے لئے ، میں نے ممبئی کے مشہور دی بمبئی کینٹین ریسٹورنٹ کے ایگزیکٹو شیف تھامس ذکریا سے بات کی۔ زکریا اپنے ریستوراں میں صرف تازہ اور مقامی اجزاء استعمال کرتی ہیں۔ وہ ہلدی کو "کم ذائقہ والے پس منظر کا مواد" کہتے ہیں۔ "میرے خیال میں ہندوستان میں زیادہ تر لوگ کھانے کی ذائقہ بڑھانے کے ل ‏not ‎، اپنی عادت کی وجہ سے اس کا استعمال کرتے ہیں۔" زکریا کو جب بھی موقع ملتا ہے ، وہ مین ہل کو بنانے کے لئے تازہ ہلدی کو اسٹار میٹریل کی طرح استعمال کرتا ہے ، جیسے کیرالہ کا سالن۔ ہلدی اور ادرک کا ایک ہی خاندان سے تعلق ہے۔ اس کی کاشت ہندوستان کی متعدد ریاستوں میں کی جاتی ہے۔ فنانشل ایکسپریس کے مطابق ، دنیا بھر میں ہلدی کی کل پیداوار کا 75 فیصد سے زیادہ بھارت میں ہے۔ ہندوستان دنیا میں ہلدی کا سب سے بڑا برآمد کنندہ ہے اور یہاں اس کی کھپت بھی سب سے زیادہ ہے۔ جنوبی ہند کی گرم اور مرطوب موسمی ریاستوں - آندھرا پردیش اور تمل ناڈو میں اعلی معیار کی ہلدی بڑے پیمانے پر تیار کی جاتی ہے۔ یہ مئی اور اگست کے درمیان لگایا جاتا ہے اور جنوری تک ، فصل تیار ہونا شروع ہوجاتی ہے۔ ہلدی کی فصل تصویری ماخذ ، آمین یہ تعجب کی بات نہیں ہے کہ جنوری کے وسط میں تامل ناڈو میں نئی ​​فصل کا جشن پونگل میں ہلدی کی جڑ اور پتے استعمال کیے جاتے ہیں۔ ہلدی کے تازہ پتے اور اس کی جڑ ابلتے ہوئے دودھ کے برتن کے منہ پر بندھے ہوئے ہیں۔ اسے دولت کی علامت سمجھا جاتا ہے۔ ہندوستان میں ہلدی ایک باورچی خانے کے مصالحے سے کہیں زیادہ ہے۔ ہندوستانی ثقافت میں اس کا ایک خاص مقام ہے۔ بہت ساری ہندو برادریوں میں شادی جیسے اچھے موقعوں پر ہلدی کو زرخیزی اور خوشحالی کی علامت کے طور پر استعمال کیا جاتا ہے۔ مثال کے طور پر ، شادی سے پہلے ہلدی کی ایک تقریب ہوتی ہے جس میں کنبہ کے عمائدین دلہا اور دلہن کے چہرے پر ہلدی لگاتے ہیں۔ دلہن کے منگلسوتر کا دھاگہ ہلدی کے محلول میں بھی ڈوبا ہوا ہے۔ آج بھی ، ہلدی پاؤڈر شادی سمیت تمام اچھے مواقع پر پہنے ہوئے کپڑوں کے کسی بھی کونے میں لگایا جاتا ہے۔ ہندوستانی خواتین اپنے گھریلو فیس پیک میں ایک چٹکی بھر ہلدی ڈالتی ہیں۔ ان کا ماننا ہے کہ ہلدی جلد کو صاف اور چمکدار بناتی ہے۔ ہلدی تصویری ماخذ ، امیجز اصلی ہندوستانی مصالحہ ریشی کا کہنا ہے کہ ہندوستان کے بیشتر مصالحے تحقیقاتی مسافروں اور حملہ آوروں کو لاتے ہیں ، جیسے مرچ جنوبی امریکہ سے لایا گیا تھا اور مشرقی بحیرہ روم کے خطے سے جیرا۔ لیکن ہلدی پوری طرح سے ہندوستانی ہے۔ "یہ ہمارا مسالا ہے۔ جس طرح سے ہم نے اسے پورے دل سے اپنایا ہے اور اس کی دواؤں کی خصوصیات میں ہمارا اعتقاد ہزاروں سال کی قربت پر مشتمل ہے۔" دس سال پہلے ، میں ایک لمبے درد کا علاج کرنے کے لئے کیرالا کے ایک آیورویدک اسپتال گیا تھا۔ اس نے میرے ساتھ ہلدی کا پیسٹ ، کچھ مالش اور دیگر ادویات کا علاج کیا۔ تب ایک سینئر ویدیا نے مجھے بتایا کہ ہلدی کو آیور وید میں خارش سمجھا جاتا ہے۔ اس سے درد میں راحت ملتی ہے۔ بہت سارے ہندوستانی ہلدی سے گھریلو علاج کرتے ہیں ، جیسے ٹخنوں میں موچ ، ہلدی کا پیسٹ لگائیں ، یا موسم سرما میں مفرور ہو تو ہلدی کے گانٹھ کے دھوئیں کو سونگھیں۔ یہ صدیوں سے آیور وید کے دوا کے روایتی نظام میں مستعمل ہے۔ بنگلورو میں سوکیہ ہالسٹک ہیلتھ سینٹر کے بانی ڈاکٹر ایاز متھائی کا کہنا ہے کہ آیوروید انسانی جسم میں وٹہ ، پٹہ اور کافہ کی تین اقسام کی توانائی پر غور کرتی ہے۔ "ہلدی واحد دوا ہے جو تینوں طرح کے دوشاوں کا علاج کرتی ہے۔" اس سے جلن کم ہوتا ہے۔ یہ بھی مانا جاتا ہے کہ ہلدی میں اینٹی آکسیڈینٹ اور اینٹی سیپٹک خصوصیات ہیں۔ اگرچہ ان طبی خصوصیات کے سائنسی ثبوت ابھی تک نہیں مل سکے ہیں۔ ہلدی تصویری ماخذ ‏Vnita ‎پنجاب ہلدی کیمیائی خصوصیات ہلدی کو ایک چمکیلی پیلے رنگ کا رنگ اور کیمیکل جزو سے اس کی مبینہ دواؤں کی خصوصیات مل جاتی ہیں۔ اس کا نام کرکومین ہے۔ ایک نظریہ کہتا ہے کہ کرکومین ہندوستانی کھانا پکانے میں تیل میں بھوننے کے اثر کو بڑھاتا ہے۔ غذائیت کی ماہر اور 'دی ایلی ڈے سبزی خور' کی مصنف نندیتا ایئر کا کہنا ہے کہ ، "کرکومین ایک تیز گھلنشیل مرکب ہے۔ چربی کے ساتھ کرکومین کے اضافے سے اس کے جسم میں جذب ہونے کے امکانات بڑھ جاتے ہیں۔" اگر یہ صحیح ہے ، تو یہ میرے کانوں میں شہد گھولنے کے مترادف ہے۔ اس کا مطلب یہ ہے کہ میں بغیر کسی جرم کے ہلدی کا دودھ پینے سے انکار کرسکتا ہوں اور اس کی بجائے مسالیدار ہلدی اچار کھا سکتا ہوں۔ ان لوگوں کے لئے جو مہنگے کیفے میں ہلدی لیٹ پینے کے لئے بہت بڑی رقم خرچ کرتے ہیں ، انھیں متنبہ کیا جانا چاہئے کہ یہ ان کی انضمام کی دوائیں نہیں ہیں۔ یہ اچھا ہے کہ وہ اسے کسی تندرش کی بجائے ہاٹ ڈرنک کی طرح پیتے ہیں۔

हळदी जितकी अधिक भारतीय आहे तितकीच ती अधिक शुभ आणि औषधी गुणांनी परिपूर्ण आहे * सामाजिक कार्यकर्ते वनिता कासाणी पंजाब द्वारा - राम राम जी * 🌹🙏🙏🌹 हळद दुध प्रतिमा स्त्रोत, वनिता काही वर्षांपूर्वी लंडनमधील कॉफी शॉपमध्ये जेव्हा मी हळदीचे दूध प्रथम पाहिले तेव्हा मला विश्वास वाटला नाही. मेनूमध्ये त्यास 'गोल्डन मिल्क' असे नाव देण्यात आले. त्यात बदाम, थोडी दालचिनी आणि मिरपूड असलेल्या गोडपणासाठी त्यात नैसर्गिक अ‍ॅगवे सिरप जोडला गेला. मी त्यापूर्वी वाचणे थांबवले. कदाचित यामागील एक कारण म्हणजे मी त्याची महाग किंमत पाहिली होती. दुसरे म्हणजे, मला भारतातील हजारो आजींचे हसू आठवले. लहानपणी मी लहानपणीच्या आठवणींमध्ये हरवलो होतो जेव्हा माझी आई मला हळद हळद घालायला लावायची. तेथे नकार दिल्याबद्दल ओरड देखील झाली. जाहिरात त्या दुधात काही काजू नव्हते. साखर फक्त गोड करण्यासाठी उपलब्ध होती. शेवटच्या सिपमध्ये हळद तोंडात भरली. हिंदीमध्ये ज्याला हळदीचे दूध म्हणतात, माझी आई तामिळमध्ये पलील मंजल म्हणायची. वगळा आणि पुढे वाचा. आणि देखील वाचा सत्यजित चौरसिया सलमान, हृतिक, फरहानचे सिक्स पॅक Whoब्स कोण बनवते? ग्रेट इंडियन किचन दि ग्रेट इंडियन किचन: भारतीय पुरुषांच्या ढोंगीपणाचा पर्दाफाश करणारा एक महत्त्वाचा चित्रपट समुद्रकिनारी एक स्त्री आणि दोन तरुण स्त्रिया पतीचा मृत्यू, मुले वाढवणे आणि अयशस्वी प्रेमाच्या कहाण्या अरुणा तिर्की झारखंडमधील आदिवासींचे खाद्यपदार्थ बनविणा These्या या महिला समाप्त हळद प्रतिमा स्त्रोत, मसाले किंवा औषधी पदार्थ? घसा खवखवणे किंवा शरीरावर ताप असल्यास आई लगेच हळदीचे दूध देत असे. बरेच भारतीय यास द्रव रामबाण औषध मानतात. पाश्चात्य देशांनी गेल्या दशकातच हळदीचा शोध लावला आणि त्याला 'सुपरफूड' बनविण्यात उशीर केला नाही. त्यांनी चहा आणि कॉफीमध्ये हळदीची ताजी गठ्ठा मिसळली. तिचे सिरप बनविणे सुरू केले आणि ताबडतोब फायद्यासाठी हळदचे जाड पेय तयार केले. लंडननंतर मी सॅन फ्रान्सिस्को ते मेलबर्न पर्यंतच्या सर्व शहरांमध्ये कॅफे आणि कॉफी शॉपमध्ये हळदीचे पेय पाहिले आहे. हळदी हा बर्‍याच काळापासून भारतातील स्वयंपाकघरातील मुख्य घटक आहे. हे दोन प्रकारांमध्ये वापरले जाते - ढेंगांच्या स्वरूपात आणि आता हळद पावडरच्या रूपात देखील. माझ्या मासळदानीमध्ये हळद, मोहरी, मिरची आणि मिरची पावडर नेहमीच उपलब्ध असते. माझ्या आईलाही तसाच मसाला असायचा आणि त्याआधी तिच्या आईचीही तीच पद्धत होती. लंडनमध्ये हळद-दुधाची भरभराट पारंपारिक भारतीय स्वयंपाकघरात हळदीचा उपयोग अन्नामध्ये रंग घालण्यासाठी वापरला जातो, विशेषत: करी आणि मटनाचा रस्सा बनवण्यासाठी. हळदचे लोणचे हळदच्या ताजे आणि मऊ गठ्ठ्यांमधून देखील बनवले जाते, ज्यावर गरम तेलाची एक शिंपडली जाते. काही समाजात हळदीची पाने आच्छादित असतात व त्यामध्ये अन्न शिजवले जाते. 'द फ्लेवर ऑफ स्पाइस' च्या लेखिका मरियम रेशी म्हणतात, "मी गोव्यातील माझ्या घरात हळद उगवतो आणि इथे प्रसिद्ध पाटोलीओ मिष्टान्न बनवतो." पाटोलिओ बनवण्यासाठी, गूळ भोपळ्यामध्ये मिसळा आणि हळदच्या दोन पानांच्या दरम्यान ठेवा. यानंतर ते वाफेने शिजवले जाते आणि त्यात हळद वास घेते. हळद दुध प्रतिमा स्त्रोत, हळद किती महत्त्वाची आहे? पारंपारिक खाद्यपदार्थांप्रमाणे हळद हे पारंपारिक भारतीय पाककृतींमध्ये महत्वाचे आहे काय? हे जाणून घेण्यासाठी मी मुंबईतील प्रसिद्ध बॉम्बे कॅन्टीन रेस्टॉरंटचे कार्यकारी शेफ थॉमस झकारिया यांच्याशी बोललो. जकारिया आपल्या रेस्टॉरंटमध्ये फक्त ताजे आणि स्थानिक साहित्य वापरतो. तो हळदीला "कमी स्वाद असलेल्या पार्श्वभूमी सामग्री" म्हणतो. "मला वाटते की भारतातील बहुतेक लोक हे अन्नाची चव वाढवण्यासाठी नव्हे तर त्यांच्या सवयीमुळे वापरतात." जेव्हा जेव्हा झकारियाला संधी मिळते तेव्हा मीन मोइली तयार करण्यासाठी ताजी हळदीचा उपयोग ते स्टार मटेरियल म्हणून करतात. हळद आणि आले एकाच कुटुंबातील आहेत. भारतातील बर्‍याच राज्यांत याची लागवड केली जाते. फायनान्शियल एक्स्प्रेसच्या म्हणण्यानुसार जगभरातील एकूण हळद उत्पादनाच्या 75 टक्क्यांहून अधिक उत्पादन भारतात आहे. हळदीची जगातील सर्वात मोठी निर्यात करणारा भारत आहे आणि त्याचा वापरही येथे सर्वाधिक आहे. दक्षिण भारत - आंध्र प्रदेश आणि तामिळनाडू या गरम आणि दमट हवामान राज्यात मोठ्या प्रमाणात हळद उत्पादन होते. हे मे आणि ऑगस्ट दरम्यान लागवड होते आणि जानेवारीपर्यंत, पीक तयार होण्यास सुरवात होते. हळद पीक प्रतिमा स्त्रोत, ओमेन जानेवारीच्या मध्यामध्ये तामिळनाडूमध्ये नवीन पिकाचा उत्सव पोंगलमध्ये हळदीची मुळे आणि पाने वापरली जातात यात काही आश्चर्य नाही. उकळत्या दुधाच्या भांड्याच्या तोंडावर हळद आणि तिचे मूळ ताजे पाने बांधली आहेत. हे संपत्तीचे प्रतीक मानले जाते. भारतातील हळद स्वयंपाकाच्या मसाल्यापेक्षा जास्त आहे. भारतीय संस्कृतीत याला विशेष स्थान आहे. अनेक हिंदू समाजात लग्नासारख्या शुभ प्रसंगी हळद सुपीकपणा आणि समृद्धीचे प्रतीक म्हणून वापरली जाते. उदाहरणार्थ, लग्नाच्या आधी हळदीचा सोहळा आहे ज्यामध्ये कुटुंबातील वडील वधू आणि वर यांच्या चेह tur्यावर हळद लावतात. वधूच्या मंगळसूत्राचा धागा हळद द्रावणातही बुडविला जातो. आजही लग्नासह सर्व शुभ प्रसंगी परिधान केलेल्या कपड्यांच्या कोप .्यात हळद घालतात. भारतीय महिला त्यांच्या घरगुती फेस पॅकमध्ये एक चिमूटभर हळद घालतात. त्यांचा असा विश्वास आहे की हळद त्वचा स्वच्छ आणि चमकदार बनवते. हळद प्रतिमा स्त्रोत, प्रतिमा खरा भारतीय मसाला रेशी म्हणतात की भारतातील बहुतेक मसाल्यांमध्ये दक्षिण अमेरिकेतून आणलेली मिरची आणि पूर्वेच्या भूमध्य प्रदेशातून जिरे सारख्या शोधक प्रवासी आणि आक्रमणकर्ते आले. पण हळद पूर्णपणे भारतीय आहे. "हा आमचा मसाला आहे. ज्या पद्धतीने आपण मनापासून त्याचा अवलंब केला आहे आणि औषधी गुणधर्मांवरील आमचा विश्वास हा हजारो वर्षांचा जवळीक आहे." दहा वर्षांपूर्वी मी केरळमधील आयुर्वेदिक रूग्णालयात दीर्घकाळापर्यंत दुखण्यावर उपचार करण्यासाठी गेलो होतो. त्याने माझ्यावर हळद पेस्ट, काही मालिश आणि इतर औषधे दिली. मग एका ज्येष्ठ वैद्यने मला सांगितले की आयुर्वेदात हळदी चिवचिवाट मानली जाते. यामुळे वेदना कमी होते. अनेक भारतीय हळदीसह घरगुती उपचार करतात, जसे की घोट्यात एक मोच, हळद पेस्ट लावा, किंवा हिवाळा जर फरफट असेल तर हळद गळुळ्याच्या धुराचा वास घ्या. आयुर्वेदाच्या पारंपारिक औषध प्रणालीत शतकानुशतके त्याचा उपयोग होत आहे. बंगळुरुमधील सौक्य होलिस्टिक हेल्थ सेंटरचे संस्थापक डॉ. अयाज मथाई म्हणतात की आयुर्वेद मानवी शरीरात तीन प्रकारची ऊर्जा मानतो - वात, पित्ता आणि कपा. "हळद हे एकमेव औषध आहे जे तीनही प्रकारचे दोष बरे करते." यामुळे चिडचिड कमी होते. असे मानले जाते की हळदीमध्ये अँटी-ऑक्सिडेंट आणि अँटी-सेप्टिक गुणधर्म असतात. जरी अद्याप या वैद्यकीय गुणधर्मांचे वैज्ञानिक पुरावे सापडलेले नाहीत. हळद प्रतिमा स्त्रोत Vnita पंजाब हळदचे रासायनिक गुणधर्म हळदला त्याचा चमकदार पिवळा रंग आणि रासायनिक घटकातून त्याचे कथित औषधी गुणधर्म मिळतात. त्याचे नाव कर्क्युमिन आहे. एका सिद्धांतात असे म्हटले आहे की भारतीय स्वयंपाकात तेलात तळण्याचे परिणाम कर्क्यूमिनमुळे वाढतात. न्युट्रिशनिस्ट आणि 'द एव्हली डे वेजिटेरियन' च्या लेखिका नंदिता अय्यर म्हणतात, "कर्क्यूमिन एक द्रुत विरघळणारा कंपाऊंड आहे. चरबीसह कर्क्यूमिन जोडल्यामुळे शरीरात ते शोषण्याची शक्यता वाढते." जर हे योग्य असेल तर ते माझ्या कानात मध वितळण्यासारखे आहे. याचा अर्थ असा की मी कोणत्याही निर्दोषतेशिवाय हळदीचे दूध पिण्यास नकार देऊ शकतो आणि त्याऐवजी मसालेदार हळद खाऊ शकतो. जे लोक महागड्या कॅफेमध्ये हळदीचे लाटे पिण्यासाठी मोठ्या प्रमाणावर पैसे खर्च करतात त्यांच्यासाठी चेतावणी दिली पाहिजे की हे त्यांचे सर्व विलीनीकरण औषध नाही. हे चांगले आहे की त्यांनी ते पॅनेसियाऐवजी गरम पेय म्हणून प्यावे.

పసుపు ఎంత భారతీయుడైతే, మరింత పవిత్రమైనది మరియు properties షధ గుణాలతో నిండి ఉంటుంది By * ద్వారా సామాజిక కార్యకర్త వనితా కసాని పంజాబే రామ్ రామ్ జీ * పసుపు పాలు చిత్ర మూలం, వినిత కొన్ని సంవత్సరాల క్రితం నేను లండన్లోని ఒక కాఫీ షాప్ లో పసుపు పాలను మొదటిసారి చూసినప్పుడు, నేను నమ్మలేకపోయాను. మెనూలో దీనికి 'గోల్డెన్ మిల్క్' అని పేరు పెట్టారు. బాదం, కొద్దిగా దాల్చినచెక్క మరియు నల్ల మిరియాలు తో తీపి కోసం సహజ కిత్తలి సిరప్ జోడించబడింది. అంతకు ముందే చదవడం మానేశాను. దీనికి ఖరీదైన కారణం నేను అతని ఖరీదైన ధరను చూశాను. రెండవది, భారతదేశంలోని వేలాది నానమ్మల చిరునవ్వు నాకు జ్ఞాపకం వచ్చింది. వేడి పసుపు తినిపించినందుకు నా తల్లి నన్ను మెప్పించేటప్పుడు కొంతకాలం నేను చిన్ననాటి జ్ఞాపకాలలో కోల్పోయాను. నిరాకరించినందుకు తిట్టడం కూడా జరిగింది. ప్రకటన ఆ పాలలో గింజలు లేవు. చక్కెర తీపిగా ఉండటానికి అందుబాటులో ఉంది. చివరి సిప్‌లో పసుపు నోటిలో నిండిపోయింది. పసుపు పాలు అని పిలువబడే హిందీలో, నా తల్లి పాలిల్ మంజల్ ను తమిళంలో పిలిచేవారు. దాటవేసి చదవండి. మరియు చదవండి సత్యజిత్ చౌరసియా సల్మాన్, హృతిక్, ఫర్హాన్ సిక్స్ ప్యాక్ అబ్స్ ఎవరు? ది గ్రేట్ ఇండియన్ కిచెన్ ది గ్రేట్ ఇండియన్ కిచెన్: భారతీయ పురుషుల కపటత్వాన్ని బహిర్గతం చేసే ముఖ్యమైన చిత్రం బీచ్‌లో ఒక మహిళ, ఇద్దరు యువతులు భర్త మరణం, పిల్లలను పెంచడం మరియు విఫలమైన ప్రేమ కథలు అరుణ టిర్కీ జార్ఖండ్ యొక్క గిరిజన ఆహారాన్ని 'స్థితి చిహ్నంగా' చేసే ఈ మహిళలు ముగించు పసుపు చిత్ర మూలం, సుగంధ ద్రవ్యాలు లేదా పానీయాలు? గొంతు నొప్పి లేదా శరీర జ్వరం ఉంటే, తల్లి వెంటనే పసుపు పాలు ఇచ్చేది. చాలామంది భారతీయులు దీనిని ద్రవ వినాశనంగా భావిస్తారు. పాశ్చాత్య దేశాలు గత దశాబ్దంలోనే పసుపును కనుగొన్నాయి మరియు దానిని 'సూపర్ ఫుడ్' గా మార్చడంలో ఆలస్యం చేయలేదు. వారు పసుపు తాజా ముద్దలను టీ మరియు కాఫీలో కలిపారు. ఆమె సిరప్ తయారు చేయడం ప్రారంభించింది మరియు వెంటనే ప్రయోజనం కోసం పసుపు మందపాటి పానీయం సిద్ధం చేసింది. లండన్ తరువాత, శాన్ఫ్రాన్సిస్కో నుండి మెల్బోర్న్ వరకు అన్ని నగరాల్లోని కేఫ్‌లు మరియు కాఫీ షాపులలో పసుపు పానీయాలను చూశాను. పసుపు చాలా కాలంగా భారతదేశంలో ప్రధాన వంటగది పదార్థాలలో ఒకటి. ఇది రెండు రూపాల్లో ఉపయోగించబడుతుంది - ముద్దల రూపంలో మరియు ఇప్పుడు పసుపు పొడి రూపంలో కూడా. నా మసాల్దానీలో, ఆవాలు, జీలకర్ర మరియు కారం పొడితో పాటు పసుపు పొడి ఎల్లప్పుడూ లభిస్తుంది. నా తల్లికి ఇలాంటి సుగంధ ద్రవ్యాలు ఉండేవి మరియు అంతకు ముందు ఆమె తల్లికి అదే పద్ధతి ఉండేది. లండన్లో పసుపు-పాలు విజృంభణ సాంప్రదాయ భారతీయ వంటశాలలలో, పసుపును ఆహారానికి రంగును జోడించడానికి ఉపయోగిస్తారు, ముఖ్యంగా కూరలు మరియు ఉడకబెట్టిన పులుసు తయారీలో. పసుపు les రగాయలను పసుపు యొక్క తాజా మరియు మృదువైన ముద్దల నుండి కూడా తయారు చేస్తారు, దానిపై వేడి నూనె చల్లుకోవాలి. కొన్ని సమాజాలలో, పసుపు ఆకులు కప్పబడి, ఆహారాన్ని వండుతారు. 'ది ఫ్లేవర్ ఆఫ్ స్పైస్' రచయిత మరియం రేషి మాట్లాడుతూ, "ఇక్కడ ప్రసిద్ధ పటోలియో డెజర్ట్ చేయడానికి గోవాలోని నా ఇంట్లో పసుపు పండిస్తాను." పటోలియో చేయడానికి, ముతక బియ్యంలో బెల్లం కలపండి మరియు పసుపు రెండు ఆకుల మధ్య ఉంచండి. దీని తరువాత, దీనిని ఆవిరితో వండుతారు మరియు దానిలో పసుపు వాసన వస్తుంది. పసుపు పాలు చిత్ర మూలం, పసుపు ఎంత ముఖ్యమైనది? సాంప్రదాయ ఆహారంలో పసుపు సాంప్రదాయ భారతీయ వంటకాల్లో ముఖ్యమైనదా? ఇది తెలుసుకోవటానికి, నేను ముంబైకి చెందిన ప్రసిద్ధ ది బాంబే క్యాంటీన్ రెస్టారెంట్ ఎగ్జిక్యూటివ్ చెఫ్ థామస్ జకారియాతో మాట్లాడాను. జకారియా తన రెస్టారెంట్‌లో తాజా మరియు స్థానిక పదార్థాలను మాత్రమే ఉపయోగిస్తాడు. అతను పసుపును "తక్కువ రుచులతో నేపథ్య పదార్థం" అని పిలుస్తాడు. "భారతదేశంలో చాలా మంది ప్రజలు దీనిని అలవాటు కారణంగా ఉపయోగిస్తున్నారు, ఆహార రుచిని పెంచకూడదు." జకారియాకు అవకాశం వచ్చినప్పుడల్లా, మీన్ మొయిలీని తయారు చేయడానికి కేరళ కూర వంటి తాజా పసుపును స్టార్ మెటీరియల్‌గా ఉపయోగిస్తాడు. పసుపు మరియు అల్లం ఒకే కుటుంబానికి చెందినవి. ఇది భారతదేశంలోని అనేక రాష్ట్రాల్లో సాగు చేస్తారు. ఫైనాన్షియల్ ఎక్స్‌ప్రెస్ ప్రకారం, ప్రపంచవ్యాప్తంగా పసుపు ఉత్పత్తిలో 75 శాతానికి పైగా భారతదేశంలో ఉన్నాయి. పసుపు ఎగుమతి చేసే ప్రపంచంలో భారతదేశం అత్యధికంగా ఉంది మరియు దాని వినియోగం కూడా ఇక్కడ ఎక్కువగా ఉంది. దక్షిణ భారతదేశంలోని వేడి మరియు తేమతో కూడిన వాతావరణ రాష్ట్రాలలో - ఆంధ్రప్రదేశ్ మరియు తమిళనాడులలో అధిక నాణ్యత గల పసుపును పెద్ద ఎత్తున ఉత్పత్తి చేస్తారు. దీనిని మే మరియు ఆగస్టు మధ్య పండిస్తారు మరియు జనవరి నాటికి పంట సిద్ధంగా ఉంటుంది. పసుపు పంట చిత్ర మూలం, శకునము జనవరి మధ్యలో తమిళనాడులో కొత్త పంటను జరుపుకునే పొంగల్‌లో పసుపు రూట్ మరియు ఆకులను ఉపయోగించడం ఆశ్చర్యం కలిగించదు. పసుపు యొక్క తాజా ఆకులు మరియు దాని మూల ఉడకబెట్టిన పాలు కుండ నోటిపై కట్టివేయబడతాయి. ఇది సంపదకు చిహ్నంగా పరిగణించబడుతుంది. భారతదేశంలో పసుపు వంటగది మసాలా కంటే ఎక్కువ. భారతీయ సంస్కృతిలో దీనికి ప్రత్యేక స్థానం ఉంది. అనేక హిందూ సమాజాలలో, పసుపును వివాహం వంటి శుభ సందర్భాలలో సంతానోత్పత్తి మరియు శ్రేయస్సు యొక్క చిహ్నంగా ఉపయోగిస్తారు. ఉదాహరణకు, పెళ్లికి ముందు పసుపు వేడుక ఉంది, దీనిలో కుటుంబ పెద్దలు వధూవరుల ముఖానికి పసుపు పూస్తారు. వధువు మంగళసూత్రం యొక్క దారం కూడా పసుపు ద్రావణంలో మునిగిపోతుంది. నేటికీ, వివాహంతో సహా అన్ని శుభ సందర్భాలలో ధరించే బట్టల యొక్క ఏ మూలనైనా పసుపు పొడి వర్తించబడుతుంది. భారతీయ మహిళలు తమ దేశీయ ఫేస్ ప్యాక్‌లకు చిటికెడు పసుపును కలుపుతారు. పసుపు చర్మం స్పష్టంగా మరియు మెరిసేలా చేస్తుందని వారు నమ్ముతారు. పసుపు చిత్ర మూలం, చిత్రాలు రియల్ ఇండియన్ మసాలా భారతదేశంలోని సుగంధ ద్రవ్యాలు చాలావరకు పరిశోధనాత్మక ప్రయాణికులను మరియు ఆక్రమణదారులను తెచ్చాయని రేషి చెప్పారు, దక్షిణ అమెరికా నుండి తెచ్చిన మిరపకాయ మరియు తూర్పు మధ్యధరా ప్రాంతం నుండి జీలకర్ర. కానీ పసుపు పూర్తిగా భారతీయుడు. "ఇది మా మసాలా. మేము దానిని హృదయపూర్వకంగా స్వీకరించిన విధానం మరియు దాని properties షధ గుణాలపై మన నమ్మకం వేల సంవత్సరాల సాన్నిహిత్యంతో రూపొందించబడింది." పదేళ్ల క్రితం దీర్ఘకాలిక నొప్పికి చికిత్స కోసం కేరళలోని ఆయుర్వేద ఆసుపత్రికి వెళ్లాను. అతను పసుపు పేస్ట్, కొన్ని మసాజ్ మరియు ఇతర మందులతో నాకు చికిత్స చేశాడు. అప్పుడు ఆయుర్వేదంలో పసుపును చికాకుగా భావిస్తానని ఒక సీనియర్ వైద్య నాకు చెప్పారు. ఇది నొప్పిలో ఉపశమనం ఇస్తుంది. చాలామంది భారతీయులు చీలమండలో బెణుకు వంటి పసుపుతో ఇంటి నివారణలు చేస్తారు, పసుపు పేస్ట్‌ను వర్తింపజేస్తారు, లేదా శీతాకాలం పారిపోతే పసుపు ముద్ద యొక్క పొగను వాసన చూస్తారు. ఇది ఆయుర్వేద సంప్రదాయ వైద్య విధానంలో శతాబ్దాలుగా ఉపయోగించబడుతోంది. ఆయుర్వేదం మానవ శరీరంలో మూడు రకాల శక్తిని పరిగణిస్తుంది - వాటా, పిట్ట మరియు కఫా అని బెంగళూరులోని సాక్యా హోలిస్టిక్ హెల్త్ సెంటర్ వ్యవస్థాపకుడు డాక్టర్ అయాజ్ మథాయ్ చెప్పారు. "మూడు రకాల దోషాలను నయం చేసే ఏకైక medicine షధం పసుపు." ఇది చికాకును తగ్గిస్తుంది. పసుపులో యాంటీ ఆక్సిడెంట్ మరియు యాంటీ సెప్టిక్ లక్షణాలు ఉన్నాయని కూడా నమ్ముతారు. ఈ వైద్య లక్షణాలకు శాస్త్రీయ ఆధారాలు ఇంకా కనుగొనబడలేదు. పసుపు చిత్ర మూలం Vnita punjab పసుపు యొక్క రసాయన లక్షణాలు పసుపు దాని ప్రకాశవంతమైన పసుపు రంగును మరియు రసాయన భాగం నుండి దాని ఆరోపించిన properties షధ లక్షణాలను పొందుతుంది. దీని పేరు కర్కుమిన్. కర్కుమిన్ భారతీయ వంటలో నూనెలో వేయించే ప్రభావాన్ని పెంచుతుందని ఒక సిద్ధాంతం చెబుతోంది. న్యూట్రిషనిస్ట్ మరియు 'ది ఎవ్రీడే వెజిటేరియన్' రచయిత నందిత అయ్యర్, "కర్కుమిన్ వేగంగా కరిగే సమ్మేళనం. కొవ్వుతో కర్కుమిన్ చేర్చుకోవడం వల్ల అది శరీరంలో కలిసిపోయే అవకాశాలు పెరుగుతాయి." ఇది సరైనది అయితే, అది నా చెవుల్లో తేనెను కరిగించినట్లుగా ఉంటుంది. దీని అర్థం నేను ఎటువంటి అపరాధం లేకుండా పసుపు పాలు తాగడానికి నిరాకరించగలను మరియు బదులుగా మసాలా పసుపు pick రగాయలు తినగలను. ఖరీదైన కేఫ్లలో పసుపు లాట్ తాగడానికి పెద్ద మొత్తంలో డబ్బు ఖర్చు చేసేవారికి, ఇదంతా వారి విలీన .షధం కాదని హెచ్చరించాలి. వారు దీనిని వినాశనానికి బదులుగా వేడి పానీయంగా తాగడం మంచిది.

वनिता पंजाब

कीजिए केसर का यूज और चेहरे की खूबसूरती बढ़ाएं
🌹 *By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब🌹 राम राम जी* 🌹🙏🙏🌹

हमारी सेहत के लिए केसर बेहद गुणकारी होता है, अगर हम इसका यूज लेंगे तो कई रोगों से यह हमे बचा सकता है। केसर का यूज ब्यूटी प्रोड्क्टस और मेडिसन में भी किया जाता है।

केसर के सेहतमंद लाभ के बारे में अधिकतर इंसान को पता नहीं होता है। चलिए आज आपको केसर के फायदों के बारे में अवगत कराते है।

-अगर आप स्किन के लिए केसर का यूज लेंगे तो इससे स्किन चमकदार बनेगी।केसर में चंदन और दूध मिलाकर फेस पैक तैयार कीजिए। पैक को 20 मिनट के लगाने के बाद गुनगुने पानी से धो लीजिए। सप्ताह में 1-2 बार लगाने से चेहरे पर निखार आने लगेगा।

-क्या आप बुखार, सर्दी, जुकाम से परेशान है तो आप केसर का यूज लीजिए। इससे बुखार गायब हो जाएगा। एक गिलास दूध में चुटकी भर केसर तथा शहद मिलाकर पीजिए। इसके अलावा आप केसर में पानी डालकर उसका पेस्ट भी बना लीजिए। इस पेस्ट को गर्दन, छाती पर लगाने से सर्दियों में होने वाले रोगों से पूरी तरह छुटकारा मिलता है।

-क्या आप सिर दर्द की समस्या से परेशान है, तो आप केसर के साथ चंदन को मिलाकर माथे पर लगाने लगाईए, इससे आखें, दिमाग को ऊर्जा पहुंचती है। इस पेस्ट के यूज से सिर दर्द से छुटकारा मिलता है।

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गर्मी मे ये 5 सब्जियां गलती से भी न खाएं

🌹 *By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब🌹 राम राम जी* 🌹🙏🙏🌹
गर्मी के मौसम में तापमान बहुत अधि‍क होता है, जिसका असर आपकी त्वचा और स्वास्थ्य पर भी दिखाई देता है। इस मौसम में खाने-पीने में सावधानी रखना बेहद आवश्यक है। इस मौसम में शरीर की गर्मी बढ़ने से हार्मोन्स में हुए कई बदलाव की वजह से चेहरे पर मुहांसे , बवासीर और पाचन संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इसलिए हम बता रहे हैं उन 5 सब्जियों के बारे में, जो गर्मी में आपको नुकसान पहुंचा सकती है। जानिए वे 5सब्जियां…

अदरक
अदरक में शरीर को गर्म करने का प्राकृतिक गुण पाया जाता है। इसका सेवन करने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है। हालांकि अगर आप थोड़ी मात्रा में अदरक खाएंगे तो इससे नुकसान नहीं होगा और आपका स्वास्थ भी ठीक रहेगा। वहीं नियमित रूप से अधिक मात्रा में अदरक का सेवन करने से आपको कई परेशानी उठानी पड़ सकती हैं।

प्याज
भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए तकरीबन हर सब्जी में इस्तेमाल होने वाला प्याज किचन का अहम हिस्सा है। इसमें शरीर को गर्म करने का गुण पाया जाता है। खास बात यह है कि इसका अधिक सेवन करने से शरीर में हार्मोन असंतुलित भी होते हैं। प्याज में इतनी गर्मी होती है कि अगर आप इसे अपने अंडरआर्म्स में दबाकर रखेंगे तो शरीर का तापमान इतना बढ़ जाएगा कि फीवर का एहसास होने लगेगा।

लहसुन
लहसुन भोजन को स्वादिष्ट तो बनाता है लोकिन इसका ज्यादा सेवन करने से प्याज की ही तरह शरीर में की हार्मोनल इम्बैलेंस होते हैं।

पत्तेदार सब्जियां
पालक, साग जैसी पत्तेदार सब्जियां शरीर के लिए काफी फायदेमंद होती हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने की वजह से हमें कई बीमारियों से भी बचाती हैं। लेकिन इन सब्जियों में प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती हैं। ये प्रोटीन ब्रेकडाउन होने पर शरीर के तापमान को बढ़ा देता है। अगर आपको भी गर्मियों में ज्यादा गर्मी लगती है तो ऐसी सब्जियों से दूर ही रहें।

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खाने में करें ये 10फूड आइटम्स को एवॉयड
🌹 *By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब🌹 राम राम जी* 🌹🙏🙏🌹

क्या आप जानते हैं जो फूड्स आप रोजाना खाते हैं वो आपके शरीर में धीरे-धीरे जहर बनते जाते हैं। इन चीजों का सेवन करने से आपको कई बीमारियां हो सकती है। जैसे- बीपी, हार्ट अटैक, शुगर आदि।ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि रिसर्च से साबित हुआ है। शक्कर व्हाइट प्वाइजन है। आज हम बता रहे हैं ऐसे ही 10 फूड के बारे में…

शक्कर:-
इससे बॉडी में ब्लड शुगर बढ़ता है। ज्यादा शक्कर खाने से डाइबिटिज बढ़ सकती है। इससे हार्ट प्रॉब्लम, लीवर और किडनी की बीमारियाँ हो सकती हैं।

अंकुरित आलू :-
इसमे ग्लाइकोअल्केलाइड्स होते है जिससे डायरिया हो सकता है, इसी तरह के आलू लगातार खाने से सिर दर्द या बेहोशी हो सकती है।

राजमा :-
कच्चे राजमा में ग्लाईकोप्रोटीन लेकितन होता है जिससे उलटी या इनडाईजेशन की प्रॉब्लम लगातार बनी रहती है। इसलिये राजमा को हमेशा अच्छी तरह उबालकर खाना चाहिए।

कोल्ड ड्रिंक :-
इसमे शक्कर और फास्फोरिक एसिड की मात्रा ज्यादा होती है, ज्यादा कोल्ड ड्रिंक पीने से ब्रेन डैमेज या हार्ट अटैक हो सकता है। इससे ब्रेन पॉवर कम हो सकती है।

मैदा :-
मैदा बनने की प्रोसेस में फाइबर्स, विटामिन्स निकल जाते हैं। मैदे से बनी चीजें खाने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल नही रहता है। इससे किडनी, लीवर, प्रॉब्लम हो सकती है। हार्ट अटैक जैसे दिल की बिमारियों के चांस बढ़ते हैं।

आयोडीन नमक :-
इसमें सोडियम की मात्रा अधिक होती है। ज्यादा खाने से हाई BP की सम्भावना बढती है, इससे हार्ट अटैक हो सकता है। इससे कैंसर और ऑस्टियोपोरोसिस के चांस बढ़ते हैं।

जायफल:-
इसमे myristicin होता है। इससे बार – बार हार्ट रेट बढती है, वॉमिटिंग और मुंह सूखने की प्रॉब्लम लगातार बनी रहती है। ज्यादा खाने से ब्रेन पॉवर कम होती है।

फ़ास्ट फ़ूड :-
इसमे मोनोसोडियम ग्लूटामेट होता है जिससे ब्रेन पॉवर कम होती है और मोटापा तेजी से बढ़ता है। साथ ही हार्ट प्रॉब्लम का खतरा बढ़ता है।

मशरूम :-
कच्चे मशरूम में कार्सिनोजेनिक कंपाउंड होते है जिससे कैंसर के चांस बढ़ते है इसलिये मशरूम को अच्छी तरह उबालने के बाद ही यूज़ करना चाहिए।

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अपनाये ये आसान उपाय टॉन्सिल से छुटकारा पाने के लिए
🌹 *By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब🌹 राम राम जी* 🌹🙏🙏🌹

वर्तमान समय में गले में टॉन्सिल की समस्या लोगों में खूब देखने को मिलती है। आपको बता दे इस बीमारी में गले के अंदर दोनों तरफ मांस में पूरी तरह गांठ बन जाती है। इसके कारण गले में सूजन, तेज दर्द और बोलने में बहुत परेशानी हो जाती है। इसके अलावा इससे खाने का स्वाद भी पूर्ण्तः नहीं पता चलता। इंफेक्शन, बैक्टीरिया, गलत खान-पान या मौसम के बदलाव के कारण होने वाली इस गंभीर समस्या के कारण आपको कब्ज की गंभीर समस्या भी हो सकती है। कुछ लोग इस गंभीर समस्या से छुटकारा पाने के लिए दवाइयों का बखूबी सेवन करते है लेकिन कुछ घरेलू तरीके अपनाकर आप इस गंभीर समस्या से अवश्य छुटकारा पा सकते है। आइए जानते है गले में टॉन्सिल की गंभीर समस्या को दूर करने के कुछ आसान घरेलू उपाय:

टॉन्सिल के घरेलू उपचार

काली मिर्च
इस गंभीर समस्या को दूर करने के लिए काली मिर्च और तुलसी के पत्तों को उबाल कर गाढ़ा काढ़ा बना लें। रात को सोने से पहले इसे दूध में डालकर जरूर पीएं।

शहद और दालचीनी
एंटीबैक्टीरियल गुणों सो भरपूर दालचीनी पाउडर और शहद को मिलाकर दिन में 3 बार सेवन करें। उससे गले में टॉन्सिल की गंभीर समस्या दूर हो जाएगी।

हल्दी
हल्दी, काला नमक और काली मिर्च में पानी डालकर उबाल लें। इसके बाद इस पानी से दिन में 2 बार अच्छी तरह गरारे करें। इससे आपकी गंभीर समस्या कुछ दिनों में ही दूर हो जाएगी।

हर्बल चाय
ग्रीन टी में लौंग, इलायची और दालचीनी मिलाकर पीने से गले में जमे बैक्टीरिया और कीटाणु धीरे-धीरे पूरी तरह मर जाते हैं, जिससे यह गंभीर समस्या दूर हो जाती है। आप चाहें तो इसकी जगहें अदरक और शहद की चाय बनाकर भी अवश्य पी सकते है।

दूध
दूध में 1/2 टीस्पून हल्दी डालकर इसे उबाल लें। इसके बाद इसमें मिश्री या शक्कर मिलाकर रात को सोने से पहले पीएं। इसका सेवन करने से आपकी यह गंभीर समस्या 2-3 दिन में दूर हो जाएगी।

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जानिए वजह क्यूँ फूलता है पेट
🌹 *By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब🌹 राम राम जी* 🌹🙏🙏🌹

कई बार खाना खाने के बाद पेट फूलने लगता है, जिस वजह से पेट से सांस लेना भी मुश्कीकिल हो जाता है। पेट के फूलने की समस्या ज्यादा तर लोगों के होती है लेकिन क्वया आपको पता है।
यह गैस, ओवरईटिंग जैसी चीजें से नहीं बल्कि कई बार कुछ बीमारियों और कोई हेल्थ प्रॉबल्म के कारण भी हो सकती है। इसलिए पेट फूलने की समस्या को नजरअंदाज न करें क्योंकि यह कोई हेल्थ प्रॉब्लम का भी संकेत हो सकता है। आज हम आपको कुछ ऐसे हीसंकेतकेबारेमेंबताएंगे,जिस वजह से पेट फूलने लगताहै।
-अंडर एक्टिव थाइरॉइड हॉर्मोन में प्रर्याप्त मात्रा में हॉर्मोन नहीं बन पातेहै।जिस वजह से शरीर का मेटॉबालिज्म स्लो हो जाता है और पेट फूलने लगता है।

-स्ट्रेस के कारण शरीर में कार्टिसोल नामक हॉर्मोन ज्यादा बनता है,जो पेट के भूलने की वजह बनता है।
-मेटॉबालिज्म स्लो होने के कारण फैट बर्न नहीं हो पाती और पेट के आसपास जमा होने लगती है।
-डाइडेस्टिव स्ट्रेक में मौजूद कुछ बैक्टीरिया पेट में इंफैक्शन का कारण बनते है,जिस से पेट भूलने लगताहै।

-एडिमा की बीमारी में पेट में पानी जमा होने लगता है।जिस वजह से पेट फूलने लगता है।
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शुक्रवार, 12 मार्च 2021

If there is even a slight pain in the stomach, then the whole day is wasted. By Vanita Kasani Punjab. If there is a problem of gas in the stomach, it is very important to repair it. People usually have stomach gas problems. Let us tell you the home remedies to get rid of gas forever. Peppermint Peppermint can be used in some form in the disease. If you have stomach gas, nausea or vomiting, mint juice, its sauce, decoction or green tea can be consumed. Anise Consuming fennel helps to overcome problems such as gastric and acid reflux. Fennel should be consumed after eating food. Guava prevents heart disease, know what is the right time to eat it ginger Add hot water and sugar to ginger juice and consume it. You can also drink ginger tea. Lemon A small lemon in size is rich in different qualities. If someone is feeling burning or gas in the stomach, lemonade and lemon tea give instant relief. Lassi Mixing a pinch of roasted cumin, black salt and peppermint buttermilk and drinking it after eating food ends gas problems. celery Celery is a good remedy for many stomach diseases like gas, stomach worms. If you have a stomachache, immediately take a teaspoon of celery with lukewarm water. You will get relief immediately. black pepper Consumption of black pepper is very beneficial. Its intake increases the amount of saliva and gastric juice in the body. Which leads to easy digestion and eliminates gastric problems.

جيڪڏھن پيٽ ۾ ٿوري درد به پوي ته اھو س dayو ڏينھن برباد ٿيندو. وانتايا کاسياني پنجاب پاران. جيڪڏهن معدي ۾ گئس جو مسئلو هجي ، انهي جي مرمت ڪرڻ تمام ضروري آهي. ماڻهن کي عام طور تي گيس جا مسئلا هوندا آهن. اچو ته توهان کي گئس کان هميشه لاءِ نجات ڏيارڻ جا گهرو علاج ٻڌايون ٿا. مرچ mڙن کي بيماري ۾ ڪجهه شڪلن ۾ استعمال ڪري سگهجي ٿو. جيڪڏھن تو وٽ معدي جي گئس ، نڪ ، الٽي ، مٽي جو جوس ، ان جي چٽ ، ڀاctionي يا سائي چانھن واپرائجي. انيس سونف کائڻ سان گيسٽرڪ ۽ ايسڊ ريفلڪس جهڙا مسئلا دور ڪرڻ ۾ مدد ملندي آهي. سونف کي کائڻ کانپوءِ کائڻ گهرجي ، امرود دل جي بيماري کان بچائي ٿو ، knowاڻو ته هن کي کائڻ جو صحيح وقت ڇا آهي ادرڪ ادرڪ جو رس ۾ گرم پاڻي ۽ کنڊ شامل ڪريو ۽ ان کي استعمال ڪريو. توھان پڻ پيئي ڪري سگھو ٿا ادرڪ چانهه. ليمون سائيز ۾ هڪ نن lemonڙو ليمون مختلف خوبين ۾ مالدار آهي. جيڪڏهن ڪو ماڻهو محسوس ڪري رهيو آهي ته پيٽ ۾ جلسو يا گئس ، ليمن ۽ ليمن چانهه فوري آرام ڏئي. لاسي چانهه جي ڪاهه ، ڪڻڪ جو لوڻ ۽ مرچ جو چمچ ۾ ملائڻ ۽ ان کي کائڻ کان پوءِ پيئڻ سان گئس جا مسئلا ختم ٿي ويندا آهن. اجوائن اجوائن معدي جي ڪيترن ئي بيمارين جهڙوڪ گئس ، پيٽ جي خرابي لاءِ هڪ سٺو علاج آهي. جيڪڏهن توهان کي ڳچيء ۾ تڪليف آهي ، ليمن پاڻي سان فوري طور تي اجوائن جو هڪ چمچ ، اجوائن جو چمچ. توهان کي فوري طور تي رليف ملندو. ڪارا مرچ ڪاري مرچ جو استعمال تمام گهڻو فائدو ڏيندڙ آهي. ان جو دارو جسم ۾ لعاب ۽ جستجو جي جوس جي مقدار کي وڌائيندو آهي. جيڪو هضم ڪرڻ آسان ۽ معدي مسئلن کي ختم ڪري ٿو.

जर पोटात थोडासा वेदना होत असेल तर दिवसभर वाया जातो. वनिता कसानी पंजाब यांनी. जर पोटात वायूची समस्या असेल तर ती दुरुस्त करणे खूप महत्वाचे आहे. लोकांना सहसा पोटात गॅसचा त्रास होतो. आम्हाला कायमचे गॅसपासून मुक्त होण्याचे घरगुती उपचार सांगूया. पेपरमिंट पेपरमिंट हा रोगात काही प्रमाणात वापरला जाऊ शकतो. जर आपल्याकडे पोटात गॅस, मळमळ किंवा उलट्या असल्यास, पुदीनाचा रस, त्याचे सॉस, डेकोक्शन किंवा ग्रीन टी खाऊ शकते. अ‍ॅनीस एका जातीची बडीशेप खाल्ल्याने गॅस्ट्रिक आणि acidसिड ओहोटीसारख्या समस्यांवर मात करण्यास मदत होते. खाल्ल्यानंतर बडीशेप खाल्ले पाहिजे पेरू ह्रदयरोगापासून बचाव करते, हे खाण्यासाठी योग्य वेळ काय आहे ते जाणून घ्या आले आल्याच्या रसात गरम पाणी आणि साखर घाला आणि त्याचे सेवन करा. आपण आल्याचा चहा देखील पिऊ शकता. लिंबू आकारात एक लहान लिंबू विविध गुणांनी समृद्ध आहे. जर एखाद्याला पोटात जळत किंवा गॅस येत असेल तर लिंबू पाणी आणि लिंबू चहा त्वरित आराम देते. लस्सी एक चिमूटभर जिरे, काळे मीठ आणि पुदीना ताक घालून खाल्ल्यानंतर प्यायल्यास गॅसची समस्या दूर होते. भाजी किंवा कोशिंबीर बनवण्यासाठी उपयुक्त अशी एक वनस्पती गॅस, पोटाचे जंत यासारख्या पोटाच्या आजारांवर भाजी किंवा कोशिंबीर बनवण्यासाठी उपयुक्त अशी एक वनस्पती एक चांगला उपाय आहे. जर आपल्याला पोटदुखी होत असेल तर ताबडतोब कोमट पाण्यात एक चमचे घ्या. तुम्हाला त्वरित आराम मिळेल. काळी मिरी काळी मिरीचे सेवन करणे खूप फायदेशीर आहे. त्याचे सेवन केल्याने शरीरात लाळ आणि जठरासंबंधी रस वाढते. ज्यामुळे पचन सुलभ होते आणि जठरासंबंधी समस्या दूर होतात.

If there is even a slight pain in the stomach, then the whole day is wasted. By Vanita Kasani Punjab. If there is a problem of gas in the stomach, it is very important to repair it. People usually have stomach gas problems. Let us tell you the home remedies to get rid of gas forever. Peppermint Peppermint can be used in some form in the disease. If you have stomach gas, nausea or vomiting, mint juice, its sauce, decoction or green tea can be consumed. Anise Consuming fennel helps to overcome problems such as gastric and acid reflux. Fennel should be consumed after eating food. Guava prevents heart disease, know what is the right time to eat it ginger Add hot water and sugar to ginger juice and consume it. You can also drink ginger tea. Lemon A small lemon in size is rich in different qualities. If someone is feeling burning or gas in the stomach, lemonade and lemon tea give instant relief. Lassi Mixing a pinch of roasted cumin, black salt and peppermint buttermilk and drinking it after eating food ends gas problems. celery Celery is a good remedy for many stomach diseases like gas, stomach worms. If you have a stomachache, immediately take a teaspoon of celery with lukewarm water. You will get relief immediately. black pepper Consumption of black pepper is very beneficial. Its intake increases the amount of saliva and gastric juice in the body. Which leads to easy digestion and eliminates gastric problems.

सोमवार, 8 मार्च 2021

टूटी हड्डी जल्दी जोड़ने के लिए रामबाण है ये आसान घरेलू उपाय By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब:अक्सर हम अपने जीवन में हम कभी ना कभी छोटी-मोटी दुर्घटना का शिकार अवश्य होते हैं, इससे हमारे हाथ-पैर में फैक्चर या फिर शरीर का छोटा-मोटा अंग भी बुरी तरह ग्रस्त हो जाता हैं, इससे हाथ,पैर की हड्डी टूट गई होगी देखा जाए तो लोग इस दौर में बहुत घबरा जाते हैं, लेकिन आज हम इसके लिए आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जिसके कारण हम जल्द से जल्द और घरेलु तरीके से हड्डी को फिर से जोड़ सकते है।लक्षण:-हड्डी टूटती हैं तो हमें खुद ही पता चल जाता हैं कि हमारे शरीर का कोई अंग में से आवाज या फिर दर्द उठ रहा हैं, हड्डी टूटने पर अत्यधिक एवं असहनीय दर्द, चोटग्रस्त अंग को आसानी से हिला-डुला न सकना, अंग सूजा हुआ व विकृत या असामान्य स्थिति में हो सकता है। हड्डी टूटने पर उसकी शल्य चिकित्सा करवानी चाहिए। उसके बाद निम्न उपचार किये जा सकते हैं।आयुर्वेदिक उपचार:-बबूल की फलियों का चूर्ण बनाकर उसे शहद के साथ चाटने से टूटी हुई हड्डी ठीक हो जाती है।गुलकंद की 5-10 ग्राम मात्रा प्रतिदिन खाने से हड्डियों को बल मिलता है।बबूल का गोंद टूटी हुई हड्डी को जोडऩे का काम बहुत अच्छा करता हैं तथा बहते हुए रक्त स्त्राव को भी बन्द कर देता है।हड्डी टूटने की हालत में देसी घी में थोड़ा-सा लहसुन भूनकर और हल्दी गर्म दूध में मिलाकर पीने से हड्डी जल्दी जुड़ती है।हड्डी टूट गई हो या फिर अपने जगह से किस्क गई हो तो हड्डी का कोई भी रोग हो, लहसुन के सेवन से लाभ होता है।लहसुन के लेप से टूटी हुई हड्डियों की चोट में लाभ मिलता है।हड्डियों के टूटने की आशंका में एरण्ड के लकड़ी की पट्टी बांधने तथा उसके पत्तों को गरम कर सेंक करने से लाभ होता है।हड्डी टूटने पर 12 ग्राम गेहूं की राख इतने ही शहद में मिलाकर चाटने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाएगी। कमर और जोड़ों के दर्द में भी इससे आराम मिलता है।हड्डी टूटने पर हल्दी के नियमित सेवन से लाभ होता है।फूल गोभी का रस पीते रहने से हड्डियों के दर्द में लाभ होता है।यह भी पढ़ें-दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों को दूर करता है पनीर

These easy home remedies are a panacea for fast breaking broken bones
 By Social Worker Vanita Kasaniyan Punjab:

 Often in our life we ​​are the victim of a minor accident at some point, it causes a fracture in our limbs or even a small part of the body is badly affected, it broke the arm, leg bone People are very nervous in this era, but today we are going to tell you some of the ways in which we can reconnect the bone as soon as possible and in a homely way.

 Symptoms: -


 When a bone breaks, we find out for ourselves that there is a sound or pain in any part of our body, excessive and unbearable pain when the bone breaks, not being able to move the injured limb easily, the limb is swollen and May be in deformed or abnormal condition. In case of fracture, he should undergo surgery. After that the following treatments can be done.

 Ayurvedic treatment: -

 By making powder of acacia beans and licking it with honey, the broken bone is cured.

 Eating 5-10 grams of Gulkand daily gives strength to the bones.

 Acacia glue works very well to heal broken bones and also stops bleeding.

 In case of bone fracture, by roasting a little garlic in desi ghee and mixing turmeric in hot milk, the bone attaches quickly.

 If the bone is broken or has slipped from its place, then there is any disease of the bone, the intake of garlic is beneficial.

 Garlic paste is used to treat broken bones.

 In case of fear of breaking bones, tying a wooden bandage of castor and heating its leaves is beneficial.

 When the bone is broken, mix 12 grams of wheat ash with the same amount of honey and lick it, the broken bone will be joined. It also provides relief in back and joint pain.

http://vnita6.blogspot.com/2021/03/by-5-10-12.htmlबाल वनिता महिला आश्रम
 Regular intake of turmeric is beneficial in case of bone fractures.

 Drinking cauliflower juice is beneficial in bone pain.

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दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों को दूर करता है पनीर By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब, हेल्थ:पनीर का सेवन शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। पनीर को दूध से बनाया जाता है और ​अधिकतर लोगों को पनीर या पनीर की सब्जी खाना बहुत पसंद होती है। घर पर चाहे कोई त्यौहार हो या घर पर कोई मेहमान आया हो और उस दिन पनीर की सब्जी न बने ऐसा तो हो ही नहीं सकता । इसकी सब्जी का हर ​कोई दिवाना होता हैं। ​ज्यादातर लोग पनीर खाते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते है कि नियमित रूप से खाने से इसके कितने फायदें होते है।पनीर कई सब्जियों और कई स्वादिष्ट व्यंजनों में भी प्रयोग किया जाता है। आज हम आपको कच्चे पनीर खाने से होने वाले महत्वपूर्ण लाभों के बारे में आपको बताएंगे, यह जानकर आप भी पनीर का सेवन करना शुरू कर देंगे।आपको यह जानकर बहुत हैरानी होगी कि पनीर फाइबर से भरा होता है, इसलिए यह आपके शरीर में पाचन को पूर्ण्तः सही रखता है। पनीर को पाचन में सुधार के लिए बहुत कारगर माना जाता है। वहीं पनीर में प्रोटीन की मात्रा भी बहुत ही भरपूर पाई जाती है यह शरीर की कमजोरी को दूर करने के साथ ही शरीर को मजबूत बनाने में भरपूर मदद करता है इस​के साथ ही पनीर का सेवन हमारी शरीर की हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाए रखने में भी बहुत मदद करता है।पनीर फास्फोरस और कैल्शियम का एक बहुत बड़ा स्रोत माना जाता है,जो शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाता है। आपको यह जानकर बहुत हैरानी होगी कि पनीर में ओमेगा 3 भी पाया जाता है जो डायबिटीज से ग्रस्त लोगों के लिए वरदान की जैसा है। इन मरीजों को निश्चित रूप से इसका सेवन करना चाहिए। पनीर दिल से जुडी गंभीर बीमारियों को भी दूर करने में बहुत फायदेमंद साबित होता है। वहीं इसमें पाए जाने वाला विटामिन गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत अच्छा और जरूरी माना गया है। इसीलिए आप भी पनीर का सेवन करे और यह स्वास्थय के लिए भी बहुत लाभप्रद है।यह भी पढ़ें-आइए जानिए कौन से मेवों को कितने समय के लिए पानी में भिगोकर रखें

Cheese cures serious heart ailments
 By social worker Vanita Kasania Punjab, Health:

 Consumption of cheese is very beneficial for the body. Paneer is made from milk and most people like to eat paneer or paneer vegetable. Whether there is a festival at home or a guest comes to the house and the cheese is not made into vegetables on that day, it cannot happen. Everyone is crazy about this vegetable. Most people eat cheese, but very few people know the benefits of eating it regularly.
http://vnita6.blogspot.com/2021/03/by-3.htmlबाल वनिता महिला आश्रम
 Cheese is also used in many vegetables and many delicious dishes. Today we will tell you about the important benefits of eating raw cheese, knowing that you will also start consuming cheese. You will be very surprised to know that cheese is full of fiber, so it helps your body digest. Absolutely right. Cheese is considered to be very effective in improving digestion. While the amount of protein in cheese is also found to be very rich, it helps in overcoming the weakness of the body as well as in strengthening the body. Also helps a lot.

 Cheese is considered to be a great source of phosphorus and calcium, which strengthens the bones of the body. You will be very surprised to know that cheese also contains omega 3 which is a boon for people suffering from diabetes. These patients should definitely consume it. Paneer proves to be very beneficial in removing serious heart related diseases. While the vitamin found in it is considered very good and necessary for pregnant women. That is why you should also consume cheese and it is also very beneficial for health.

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, अगर आपको भी है दस्त की परेशानी तो अपनाये ये घरेलू उपायBy समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब:कई बार पेट में कब्ज़ बढ़ने से दस्त की शिकायत होने लगती हैं. दस्त होने से शरीर में कमजोरी तो आती ही हैं साथ ही इससे कुछ खाने का मन भी नहीं करता. दस्त होने के बाद यहाँ तक की ऑफिस में भी हमेशा यही चिंता सताती रहती हैं और काम में मन नहीं लग पाता हैं. दस्त की परेशानी से दूर होने के लिए हम आपको कुछ घरेलू उपचार बता रहे हैं-दालचीनी आपके पेट में खतरनाक बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं जिससे दस्त रुक जाते हैं.दही दस्त को रोकने के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. इसमें जो बैक्टीरिया मौजूद होता है वो पेट में अच्छे बैक्टीरिया को बनाए रखता है.सूखी हुई अदरक को पीस कर आधे कप पानी में मिलाकर पानी को उबाल ले. इसके बाद उसे 5 से 10 मिनट तक ठंडा होने के लिए रख दें. फिर दिन में 2 से 3 बार इसका सेवन करें.हल्दी एक ऐसा एंटीबायोटिक है जो बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है. यह आपके पाचन तंत्र को ठीक कर देता है. इसके लिए आधा चम्मच हल्दी एक ग्लास गर्म पानी में मिलाएं. अच्छे से मिक्स करके इसे दिन में 2 से 3 बार पीएं.

If you also have diarrhea, then adopt these home remedies
 By Social Worker Vanita Kasaniyan Punjab:
 Sometimes constipation in the abdomen causes diarrhea. Diarrhea causes weakness in the body and also makes one not want to eat anything. After having diarrhea, even in the office, the same worries always haunt her and she cannot feel at work. Here are some home remedies to get rid of diarrhea.

 Cinnamon kills the dangerous bacteria in your stomach which stops diarrhea.

 Yogurt can be a good option to prevent diarrhea. The bacteria that are present in it maintain the good bacteria in the stomach.

 Grind dried ginger and mix it in half a cup of water and boil the water. Then let it cool for 5 to 10 minutes. Then take it 2 to 3 times a day.

 Turmeric is an antibiotic that helps fight bacteria. It heals your digestive system. For this, mix half a teaspoon of turmeric in a glass of warm water. Mix well and drink it 2 to 3 times a day.बाल वनिता महिला आश्रम

आइए जानिए कौन से मेवों को कितने समय के लिए पानी में भिगोकर रखें By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब: हेल्थड्राई फ्रूट खाना सभी को पसंद होता है. बादाम, काजू, अखरोट और भी कई सारे मेवे हैं जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हैं लेकिन इनकी तासीर काफी गर्म होती है जिससे कई बार इनके अधिक सेवन से ब्लड प्रैशर भी बढ़ जाता है और पाचन शक्ति भी खराब हो जाती है. ऐसे में मेवों को पानी में कुछ देर भिगोकर रखें और फिर इनका सेवन अवश्य करें लेकिन हर एक मेवे को पानी में भिगोने का समय भी अलग होता है जिससे यह शरीर को और भी कई सारे फायदे देते हैं. आइए जानिए कौन से मेवों को कितने समय के लिए पानी में भिगोकर रखें.अखरोटअखरोट खाने से सेहत को बहुत सारे फायदे होता है लेकिन इसकी तासीर काफी गर्म होती है. इसे लगभग 8 घंटों तक पानी में भिगाकर रखें जिससे इन पर लगी एक्सट्रा गंदगी भी साफ हो जाएगी और इससे सेहत को भी कई सारे फायदे मिलेंगे.बादामबादाम खाने से दिमाग तेज होता है. इसे पानी में 12 घंटे भिगोकर रखने से इसका छिलका बहुत आसानी से उतर जाता है.कद्दू के बीजकद्दू की सब्जी बनाकर लोग इसके बीज फैंक देते हैं लेकिन इन बीजों को सूखाने के बाद इस्तेमाल किया जाता है. कद्दू के बीज दिल के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. इन्हें तकरीबन 8 घंटे पानी में भिगोकर रखने से यह शरीर को बहुत फायदा पहुंचाते हैं.हेजलनट्सयह नट्स ज्यादातर विदेशों में उगते हैं. इसमें विटामिन, खनिज और कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जो सेहत को बहुत फायदा पहुंचाते हैं। इसे इस्तेमाल करने से पहले 8 घंटों तक भिगोकर रखें.काजूकाजू एक ऐसा मेवा है जिसे खाना हर कोई पसंद करता है लेकिन यह काफी गर्म होता है जिससे रक्त चाप बढ़ जाता है. काजू को खाने से पहले 6 घंटो तक भिगोकर रखें जिससे यह सॉफ्ट हो जाएगा और काफी फायदा भी देगा.अलसी के बीजअलसी के बीजों का इस्तेमाल मिठाईयों में किया जाता है. यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं लेकिन इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए इसे लगभग 6 घंटों तक पानी में भिगोकर रखना चाहिए.यह भी , पढ़ें-अगर आपको भी है दस्त की परेशानी तो अपनाये ये घरेलू उपाय

  आइए जानिए कौन से मेवों को कितने समय के लिए पानी में भिगोकर रखें

By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब:
  
 हेल्थ

ड्राई फ्रूट खाना सभी को पसंद होता है. बादाम, काजू, अखरोट और भी कई सारे मेवे हैं जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हैं लेकिन इनकी तासीर काफी गर्म होती है जिससे कई बार इनके अधिक सेवन से ब्लड प्रैशर भी बढ़ जाता है और पाचन शक्ति भी खराब हो जाती है. ऐसे में मेवों को पानी में कुछ देर भिगोकर रखें और फिर इनका सेवन अवश्य करें लेकिन हर एक मेवे को पानी में भिगोने का समय भी अलग होता है जिससे यह शरीर को और भी कई सारे फायदे देते हैं. आइए जानिए कौन से मेवों को कितने समय के लिए पानी में भिगोकर रखें.
अखरोट
अखरोट खाने से सेहत को बहुत सारे फायदे होता है लेकिन इसकी तासीर काफी गर्म होती है. इसे लगभग 8 घंटों तक पानी में भिगाकर रखें जिससे इन पर लगी एक्सट्रा गंदगी भी साफ हो जाएगी और इससे सेहत को भी कई सारे फायदे मिलेंगे.
बादाम
बादाम खाने से दिमाग तेज होता है. इसे पानी में 12 घंटे भिगोकर रखने से इसका छिलका बहुत आसानी से उतर जाता है.
कद्दू के बीज
कद्दू की सब्जी बनाकर लोग इसके बीज फैंक देते हैं लेकिन इन बीजों को सूखाने के बाद इस्तेमाल किया जाता है. कद्दू के बीज दिल के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. इन्हें तकरीबन 8 घंटे पानी में भिगोकर रखने से यह शरीर को बहुत फायदा पहुंचाते हैं.
हेजलनट्स
यह नट्स ज्यादातर विदेशों में उगते हैं. इसमें विटामिन, खनिज और कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जो सेहत को बहुत फायदा पहुंचाते हैं। इसे इस्तेमाल करने से पहले 8 घंटों तक भिगोकर रखें.
काजू
काजू एक ऐसा मेवा है जिसे खाना हर कोई पसंद करता है लेकिन यह काफी गर्म होता है जिससे रक्त चाप बढ़ जाता है. काजू को खाने से पहले 6 घंटो तक भिगोकर रखें जिससे यह सॉफ्ट हो जाएगा और काफी फायदा भी देगा.

अलसी के बीज
अलसी के बीजों का इस्तेमाल मिठाईयों में किया जाता है. यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं लेकिन इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए इसे लगभग 6 घंटों तक पानी में भिगोकर रखना चाहिए.

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